नई दिल्ली: पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा था. जिसमें कहा जा रहा था कि 500 रुपए के उस नोट को मत स्वीकार करें, जिसमें हरे रंग की पट्टी महात्मा गांधी की फोटो के नजदीक हो, इस तरह के नोट को नकली बताया जा रहा था. सोशल मीडिया के मैसेज में ऐसे नोट को सुरक्षित बताया गया था जिसमें गवर्नर के हस्ताक्षर नोट के बीच मे हों.
PIB इंडिया ने किया झूठ का पर्दाफाश
इंटरनेट पर वायरल हो रही इन खबरों के सामने आने पर पीआईबी ने मामले का संज्ञान लिया. पीआईबी की फैक्ट चेकिंग टीम ने वायरल पोस्ट के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी शुरु की. पीआईबी इंडिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर (@PIB_India) हैंडल से ट्विट करके इस अफवाह पर से पर्दा उठा दिया है.
पीआईबी ने अपने ट्वीट में बताया कि वॉट्सऐप पर एक टिकटॉक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि जिस नोट में हरे रंग की पट्टी गांधी जी की फोटो के नजदीक है, वह नकली है. लेकिन पीआईबी ने अपने ट्विट में साफ तौर पर बताया कि दोनों ही नोट असली हैं.
Claim: Images and TikTok Videos doing the rounds on #WhatsApp are claiming that ₹ 500 currency notes on which the green strip is closer to #Gandhi Ji are fake.
Reality: Both these notes are acceptable currency.
Conclusion: #FakeNews pic.twitter.com/FCVdfClcrN
— PIB India (@PIB_India) December 18, 2019
फैक्ट चेकिंग के लिए बनाई गई है टीम
PIB ने सरकार और उसकी नीतियों को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे झूठ को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई है. इस टीम में पीआईबी के कर्मचारियों के अलावा बाहर के लोगों को भी नियुक्त किया गया है. ये टीम वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले पोस्ट को मॉनिटर करके उसकी सचाई की जांच करने का काम करती है.
पीआईबी की फैक्ट चेक सेवा का लाभ आम लोग भी उठा सकते हैं. अगर किसी को भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे वॉट्सऐप, ट्विटर और फेसबुक में किसी पोस्ट की सत्यता पर संदेह हो तो वह उसे उसे पीआईबी को भेज सकता है.
इसके लिए संबंधित पोस्ट का स्क्रीनशॉट pibfactcheck@gmail.com पर ईमेल करना होगा. लेकिन पीआईबी हर वायरल खबर की जांच नहीं कर सकती है. वह केवल उन्हीं खबरों की जांच करती है जो सरकार या उसकी नीतियों से संबंधित होते हैं. या फिर कोई ऐसी खबर जिसका संबंध सरकारी मंत्रालय या विभागों से होता है.
बाजार में बढ़ गए हैं नकली नोट
इसके पहले सोशल मीडिया पर 31 दिसंबर 2019 से 2 हजार के नोट बंद होने की झूठी खबर फैलाई जा रही थी.
वैसे नकली नोटों से सावधान रहने की सख्त जरुरत है क्योंकि बाजार में साल 2018-19 के मुकाबले नकली नोटों की संख्या में 121 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.