नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस स्वामित्व योजना की शुरुआत बीते साल अक्टूबर 2020 में की थी. बीते शनिवार से एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल योजना के चर्चा में आने का कारण है योगी सरकार की वह मुहिम जिसके तहत गांव के लोगों को उनके अपने घर का मालिकाना हक दिए जाएंगें.
योगी सरकार ने इस योजना के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में 75 जिलों में इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया है. जिसमें प्रत्येक जिले की सीमित संख्या में गांवों को चुना गया है. इस सर्वे के शुरू होने के बाद उम्मीद जगी है कि अब लोग जल्दी ही अपनी संपत्ति के असली मालिक होंगे.
क्या है स्वामित्व योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना स्वामित्व योजना गांव में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ा कदम है. दरअसल. भारत के गांवों में जमीनों का बड़ा हिस्सा ऐसा है, जिस पर स्थानीय लोगों का हक नहीं है. पीढ़ी दर पीढ़ी लोग इसे विरासत मान कर अपना तो बताते रहे हैं, लेकिन उनके पास कोई कागजी सबूत नहीं होता. ऐसी ही जमीन के मालिकाना हक के लिए अक्सर झगड़े आदि भी सामने आते रहे हैं.
दूसरी बड़ी समस्या यह भी है कि जमीन होते हुए भी लोग अपने मालिकाना हक से वंचित तो रहते ही हैं, साथ ही जरूरत पड़ने पर संपत्ति के आधार पर लिए जाने वाले लोन और अन्य लाभों से मरहूम रह जाती हैं. अक्टूबर 2020 में जब पीएम मोदी ने योजना की शुरुआत की तो इसका उद्देश्य यही था कि लोग अपने गांवों में अपनी जमीन का अधिक से अधिक व्यावसायिक उपयोग कर पाएं. कुल मिलाकर यह है स्वामित्व योजना के जरिए संपत्तियों को उनके स्वामियों के हवाले किया जाएगा.
सरकारों को भी हुआ घाटा
योजना के शुरू होने से पहले के दौर में जाएं तो ऐसी बेनामी जमीनों का इतिहास आजादी के पहले के दौर में ले जाता है. जब देश आजाद हुआ तो उसके बाद इस तरह की जमीनों का न तो कभी सर्वे किया गया और न ही कभी इसके लिए कानून तौर पर कोई कागज आदि तैयार करने की पहल की गई.
इसका सबसे बड़ा नुकसान सरकारों को भी हुआ क्योंकि इसके कारण सरकारें खुद भी बड़े घाटे में रहीं, क्योंकि किसी का मालिकाना हक नहीं होने के कारण सरकारों को राजस्व का घाटा हुआ.
आगे यह है सरकार की योजना
सरकार की प्लानिंग है कि इस योजना के तहत आने वाले 3 साल में यानि मार्च 2024 तक पूरे देश के 6.2 लाख गांवों को कवर किया जाएगा. इससे एक ओर जहां सटीक भूमि रिकॉर्ड से संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने का अवसर प्राप्त होगा, वहीं वित्तीय तरलता को बढ़ावा मिलेगा.
इससे योजना और राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर्टी राइट्स पर स्पष्टता सुनिश्चित की जाएगी. इसके तहत, देशभर में लगभग 300 नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन की स्थापना होगी. जिसके माध्यम से ड्रोन तकनीक और नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन के द्वारा आवासीय भूमि की पैमाइश सुनिश्चित की जाएगी.
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