डिलीवरी के बाद महिलाओं को हो सकता है पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन, जानें इसके लक्षण और कारण

Postpartum Depression: प्रेग्नेंसी किसी महिला के  रोलर-कोस्टर राइड से कम नहीं है.कई बार डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन. आइए जानते हैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन क्या है?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 23, 2022, 02:00 AM IST
  • पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन क्या होता है
  • पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन कब तक रहता है
डिलीवरी के बाद महिलाओं को हो सकता है पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन, जानें इसके लक्षण और कारण

नई दिल्ली:Postpartum Depression: प्रेग्नेंसी किसी महिला के जीवन का बेहद खास पल होता है. लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं. यह कहना भी गलत नहीं होगा कि प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए रोलर-कोस्टर राइड से कम नहीं है. माना जाता है कि बेबी के जन्म के बाद सारी तकलीफ दूर हो जाती है. डिलीवरी के बाद अधिकतर महिलाओं के मूड स्विंग्स और एंग्जायटी महसूस होती है. डिलीवरी के बाद हार्मोनल बदलाव की वजह से नई मां स्ट्रेस और डिप्रेस महूसस करती हैं. जिसे मेडिकल भाषा में पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं. डिलीवरी के बाद जब महिलाएं ड्रिपेशन महसूस करती हैं उसे ही पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं. 

नई मां इस वजह से होती है डिप्रेशन का शिकार 
नई मां प्रेग्नेंसी के दौरान ही डिप्रेशन महसूस करने लगती हैं. लेकिन उन्हें इस बात का एहसास नहीं हो पाता है कि वह डिप्रेशन में हैं. डिलीवरी के बाद शरीर में आए बदलाव और बेबी की देखभाल की वजह से महिलाएं डिप्रेशन में चली जाती हैं. 

कब तक रहता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन 
अधिकतर लोगों का मानना है कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन डिलीवरी के 4 से 6 हफ्ते बाद तक रहता है. वहीं कुछ केस में पोस्टपार्टम डिप्रेशन लंबे  समय तक भी चलता है. अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह लंबे समय तक चल सकता है. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन का पता कैसे करें 
पोस्टपार्टम डिप्रेशन का पता आप कुछ लक्षण की मदद से लगा सकते हैं. डिप्रेशन के दौरान भूख कम लगती है. बहुत ज्यादा रोने का मन करता है. थकान, एंग्जायटी और बेबी के साथ बॉन्ड बनाने में दिक्कत होना और गुस्सा आना आम लक्षण है.

किन महिलाओं को रहता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन का डर 
किसी महिला को पहले से  ही कोई मानसिक बीमारी हो तो उन्हें पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा बना रहता है. प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह का कॉम्प्लिकेशन या फिर परिवार का  सपोर्ट ना मिलना.

क्या करें 
पोस्टपार्टम डिप्रेशन की वजह से बेबी के साथ बॉन्ड बनाने में दिक्कत आती है. जिसका दबाव पार्टनर और परिवार के साथ रिश्ते पर भी पड़ता है. अगर आप डिलीवरी के 2 से 3 हफ्ते बाद भी इमोशनली ठीक महसूस नहीं करती हैं तो डॉक्टर के पास जाएं. डॉक्टर से जरूर सलाह लें. 

Disclaimer: इस लेख के द्वारा आप तक जानकारी लाने का प्रयास किया है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें. यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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