नई दिल्ली. भारत सरकार की चावल एक्सपोर्ट को बैन करने की कोई योजना नहीं है. गौलतलब है कि, कल यानी गुरुवार को मीडिया में ऐसी खबरें चल रही थीं कि, देश में कीमतों को कंट्रोल करने और सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए चावल के एक्सपोर्ट को बैन किया जा सकता है.
नहीं बैन होगा चावल का एक्सपोर्ट
बता दें कि गुरुवार को चावल एक्सपोर्ट बैन होने की खबर के बाद, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार की चावल के एक्सपोर्ट को बैन करने की कोई प्लानिंग नहीं है. हालांकि सरकार गेहूं और चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन लगा चुकी है. जिसके बाद गुरुवार को ऐसी खबरें आई थीं कि, गेहूं और चीनी के बाद अब चावल का एक्सपोर्ट भी बैन किया जा सकता है.
चावल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक
बता दें कि भारत पूरी दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. चावल निर्यात करने के मामले में भारत से पहले चीन का नंबर आता है. भारत ने साल 2021-22 में 150 से भी ज्यादा देशों में चावल का निर्यात किया था. इस दौरान भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात से एग्री कमोडिटीज में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा की कमाई की थी.
गेहूं और चीनी एक्सपोर्ट बैन की वजह
पिछले तीन महीनों से चल रहे रशिया -यूक्रेन की लड़ाई के चलते दुनिया के कई देशों में खाद्यान्न आपूर्ति का संकट पैदा हो गया है. इसी वजह से दुनिया के कई देश अनाजों और खाद्य उत्पादों के निर्यात को प्रतिबंधित कर रहे हैं. इसी क्रम में भारत ने भी गेहूं और चीनी के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है. भारत ने यह कदम देश में गेहूं और चीनी की कीमतों को कंट्रोल में रखने और सप्लाई सुनिश्चित करने के लिहाज से उठाया है.
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