रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर का कहर पूरे देश में जमकर बरपा है. मौजूदा दौर में छत्तीसगढ़ कोरोना से सबसे प्रभावित राज्यों में से एक है. ऐसे में पूरे राज्य में लंबे समय से लॉकडाउन लगा हुआ है और प्रशासन उसे लागू कराने की पूरी कोशिश कर रहा है. लेकिन शनिवार को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने कोरोना संक्रमण को रोकने में जी-जान से लगे प्रशासनिक अमले को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया.
सूरजपुर जिले के कलेक्टर रणवीर शर्मा ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपनी प्रशासनिक हनक का बेजा इस्तेमाल करते हुए एक बच्चे के साथ ऐसा व्यवहार किया कि पूरे देश में उनके व्यवहार का आलोचना हो रही है. सूरजपुर में कोरोना लॉकडाउन को लागू कराने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी लेकिन कलेक्टर होने की हनक में वो अपना आपा खो बैठे और काम से बाजार आए एक बच्चे का पहले तो मोबाइल लेकर सड़क पर पटक दिया. इसके बाद उसे थप्पड़ मारा और पुलिस वाले से डंडे भी पड़वाए.
लेकिन कलेक्टर साहब की किस्मत ऐसी थी कि ये पूरा वाकया मोबाइल में कैद हो गया. थोड़ी ही देर में सोशल मीडिया में ये वीडियो वायरल भी हो गया. ट्विटर पर कलेक्टर और सस्पेंड रणवीर सिंह आईएएस ट्रेंड करने लगा. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार के भी कान खड़े हो गए. हर कोई कलेक्टर साहब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करने लगा.
Will @IASassociation which is quick to come together when one of their own is threatened in any way say anything on rogues like @RanbirSharmaIAS ? Looking forward to see a statement from them.
— Neha Joshi (@The_NehaJoshi) May 22, 2021
देर रात जारी किया माफी नामा, कहा- अपने व्यवहार से शर्मिंदा हूं
बात बिगड़ती देख कलेक्टर साहब ने देर रात माफी मांगते हुए वीडियो भी जारी कर दिया. प्रशासनिक ताकत की हनक में किए कारनामे की सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए तो कलेक्टर साहब लॉकडाउन की दुहाई देते हुए विक्टिम कार्ड खेलने लगे. हालांकि उनका माफीनामा ज्यादा आरोप पत्र नजर आया जिसमें वो लड़के की गलतियां गिनाते और इस बात की सफाई देते दिखे कि जिसे उन्होंने मारा था वो नाबालिग नहीं है.
Surajapur District Collector Ranbir Sharma issues a video apology!pic.twitter.com/jgysRNyxjS https://t.co/3DZCYWbLZ3
— Akash Jain (@akash207) May 22, 2021
जैसे ही डीएम साहब ने अपना माफीनामा जारी किया वो एक बार फिर ट्विटर पर ट्रोल हो गए. इस बार अपोलॉजी उनके वीडियो के साथ ट्रेंड करने लगा. उन्होंने अपने वीडियो में माफी मांगते हुए कहा, मैं आज के अपने व्यवहार से शर्मिंदा हूं. मैं आप सभी से माफी मांगता हूं. मेरा किसी को अपमानित करने का इरादा नहीं था.' आज सूरजपुर जिला समेत पूरा छत्तीसगढ़ कोविड महामारी से जूझ रहा है, हम सभी शासकीय अमला दिन रात मेहनत कर रहे हैं ताकि इस महामारी से सबको बचाया जा सके. मेरे माता पिता और मैं खुद कोविड संक्रमण से ग्रसित हो गए थे. माताजी अभी भी पॉजिटिव हैं. वीडियो में जो व्यक्ति है उसकी आयु 23 वर्ष है. मैं आप सभी से पुन: माफी मांगता हूं.
कलेक्टर साहब को दूसरी बार ट्रोल इसलिए भी किया गया क्योंकि उन्होंने अपने माफीनामे में यह कह रहे हैं कि उन्होंने जिसे थप्पड़ मारा वो नाबालिग नहीं है. ऐसे में लोग उनसे पूछ रहे हैं कि अगर वो बालिग भी है तो क्या उसका मोबाइल छीनकर फेंक दोगे? क्या आपको थप्पड़ मारने का हक है? इसके बाद डंडे से पिटवाने का क्या?
पांच साल पहले 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए थे कलेक्टर साहब
सोशल मीडिया पर लोग यहीं नहीं रुके उन्होंने रणवीर शर्मा की पूरी कुंडली निकाल ली और यह बात भी वायरल होने लगी कि साल 2015 में कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के एसडीएम के रूप में काम करते हुए वो पटवारी से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए थे. एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. इस बारे में कई अखबारों में प्रकाशित खबरों की क्लिपिंग भी इस दावे को साबित करने के लिए अपने कमेंट के साथ लगा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि वो अब भी पद पर कैसे बने हुए हैं.
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