वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में एक और भारतीय-अमेरिकी शामिल शामिल हो गए हैं. शिवा अय्यादुरई 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी की घोषणा करने वाले चौथे भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं. शिवा वैज्ञानिक और उद्यमी हैं.
मुंबई में जन्म और 1970 में भारत छोड़ा
मुंबई में जन्मे 59 वर्षीय अय्यादुरई ने हाल ही में अपने अभियान की घोषणा की. अय्यादुरई ने 1970 में भारत छोड़ दिया और अपने माता-पिता के साथ पैटर्सन, न्यू जर्सी में आ गये. उन्होंने कहा, "मैंने 1970 में भारत की जाति व्यवस्था छोड़ दी, जहां हमें निचली जाति 'अछूत' और 'निंदनीय' माना जाता था."
ईमेल का आविष्कार
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 4 डिग्री हासिल करने वाले अय्यादुरई ने पिछले साल ट्विटर के सीईओ का पद संभालने में रुचि व्यक्त की थी. जब वह सिर्फ 14 साल के थे, तब उन्होंने "ईमेल का आविष्कार" किया था. उन्होंने इकोमेल, साइटोसॉल्व और सिस्टम्स हेल्थ सहित कई सात हाई-टेक कंपनियां शुरू की हैं.
वह वर्तमान में साइटोसॉल्व के संस्थापक और सीईओ हैं. यह कंपनी अग्नाशय के कैंसर से लेकर अल्जाइमर तक प्रमुख बीमारियों का इलाज खोज कर रही है.
अमेरिका की सेवा को बताया मकसद
उन्होंने कहा कि वह "वाम" और "दक्षिण" पंथों से परे अमेरिका की सेवा करना चाहते हैं. उनका मकसद है कि लोगों को ऐसे समाधान प्रदान किए जा सकें जिनकी उन्हें जरूरत है और वे इसके हकदार भी हैं. अय्यादुरई ने कहा, "मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए लड़ रहा हूं. हम उस चौराहे पर खड़े हैं जहां हम या तो स्वर्ण युग में जा सकते हैं या अंधेरे में.'' अय्यादुरई भारतीय-अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर हर्ष वर्धन सिंह, पूर्व गवर्नर निक्की हेली और उद्यमी विवेक रामास्वामी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में उतरने वाले चौथे भारतीय-अमेरिकी हैं.
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