नई दिल्ली. ये खबर आई है अमेरिका से. अमेरिका ने लगाया ये आरोप कि चीन कोरोना वैक्सीन रिसर्च का डेटा चुराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिका ने उसकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया है. लेकिन इस समाचार का यह संकेत भी समझा जा सकता है कि चीन और भी कई देशों से कोरोना की वैक्सीन रिसर्च डेटा चुराने की कोशिश में लगा हो सकता है, जैसे कि भारत, इज़राइल, ब्रिटेन.
चीनी हैकर्स कर हैं कोशिश
चीन ने अपनी चोरी के इस नए धंधे में उतरा है अपने छंटे हुए साइबर चोरों को. ये साइबर चोर चीन के लिए कोरोना वैक्सीन से जुड़े रिसर्च डेटा चुराने की कोशिश कर रहे हैं. इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित करने वाले अमेरिकी मीडिया ने बताया कि अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग का ये आरोप है कि इस काम में चीनी हैकर्स सक्रिय हो गए हैं.
चीनी जासूस भी हैं सक्रिय इस चोरी में
इन ख़ुफ़िया एजेंसियों के अनुसार न केवल चीनी हैकर्स बल्कि चीनी जासूस भी कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च की चोरी करने में जुटे हुए हैं. चीन की इस डेटा चोरी के काम पर लगाम लगाने के लिए अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि अब चीनी हैकिंग को ध्यान में रख कर एक चेतावनी जारी करने पर विचार चल रहा है.
सूचना और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी भी है निशाना
अमेरिकी ख़ुफ़िया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के हैकर्स और जासूस न केवल कोरोना पर रिसर्च संबंधी डेटा चुराने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि इसके साथ ही कोविड -19 के इलाज और जांच से जुडी सभी सूचनाओं और इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी को भी निशाना बना रहे हैं. इसके पहले अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ने ही हफ्ते भर पहले एक संयुक्त संदेश जारी करके बताया था कि स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ बड़ी संख्या में संगठित अपराधियों द्वारा साइबर हमले शुरू हो रहे हैं.