नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव समाप्त हो चुका है. डोनाल्ड ट्रंप 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में चुने जा चुके हैं. अब वे अपनी सरकार चलाने के लिए अपने मंत्रिमंडल में अधिकारियों को चुन रहे हैं. इस काम में वे लगातार अपने फैसले से लोगों को हैरान भी कर रहे हैं. बता दें कि ट्रंप ने अपने लंबे समय से सलाहकार स्टीफन मिलर को अपनी सरकार में नीति के उप प्रमुख के रूप में नामित किया है.
ट्रंप सरकार में मिलर की एंट्री
मिलर को ट्रंप सरकार में इस नई जिम्मेदारी का मिलना हर किसी के लिए हैरान कर देने वाला है क्योंकि वह इमिग्रेशन के मामलों में काफी कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देते हैं. माना जा रहा है कि ट्रंप का यह फैसला अमेरिका में रहने वाले भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए दिक्कत खड़ी कर सकता है. बता दें कि मिलर H1B1 वीजा के कड़े आलोचक रहे हैं.
कौन हैं स्टीफन मिलर?
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मिलर के लिए 'x' पर एक बधाई वाला संदेश भी पोस्ट किया. उन्होंने कहा,' राष्ट्रपति की ओर से यह एक शानदार चयन है.' बता दें कि स्टीफन मिलर ट्रंप के सबसे लंबे समय तक सहयोगी रहने वाले अधिकारियों में से एक हैं. वह ट्रंप के पहले चुनाव से ही उनका सहयोग करते रहे हैं.
भारतीयों की कैसे बढ़ सकती है परेशानी
बता दें कि H1B1 वीजा अमेरिका में इंटरनेशनल छात्रों समेत हाई स्किल्ड विदेशी नागरिकों को अमेरिका में लंबे समय तक काम करने, नौकरी से जुड़े इमिग्रेशन और अमेरिकी नागरिक बनने का मौका देता है. मिलर के कड़े रूख के कारण कई छात्रों और लोगों को वीजा के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इससे भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी के अवसर सीमित हो सकते हैं. वहीं कई लोगों को वीजा में देरी या वीजा रिजेक्शन का सामना भी करना पड़ सकता है.
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