Mohamed Muizzu to China: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मंगलवार को चीन से भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उनके मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों पर राजनयिक विवाद के बीच उनके देश में अधिक पर्यटकों को भेजने के प्रयासों को तेज करने का अनुरोध किया. मुइज्जू की यह टिप्पणी तब आई है जब वह चीन की पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं.
फुजियान प्रांत में मालदीव बिजनेस फोरम में अपने संबोधन में, मोहम्मद मुइज़ु ने चीन को द्वीप राष्ट्र का निकटतम सहयोगी बताया.
चीन की इतनी प्रशंसा
उन्होंने कहा, 'चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक है.' उन्होंने 2014 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा शुरू की गई बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा इस परियोजना ने मालदीव के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रदान कीं.
मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन से मालदीव में अपने पर्यटकों को और अधिक संख्या में मालदीव भेजने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, 'कोविड से पहले चीन हमारा (मालदीव का) नंबर एक बाजार था और मेरा अनुरोध है कि हम चीन को वैसी ही स्थिति दोबारा से बनाने में तेजी से प्रयासरत हैं.'
मामला क्या है मालदीव का?
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद मालदीव के नेताओं को अपनी सरकार से कड़ा एक्शन तो झेलना ही पड़ा, बल्कि एक तरीके से भारतीयों ने मालदीव को बॉयकॉट कर दिया. मालदीव सरकार ने तीन राजनीतिक नेताओं, मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को युवा मंत्रालय से निलंबित कर दिया है. वहीं, कई भारतीयों ने मालदीव की अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं. ऐसे में पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद द्वीप की सुदंरता से लेकर भारतीय स्थानों का मजाक उड़ाने वाले नेताओं के साथ पूरे मालदीव को बहुत कुछ झेलना पड़ रहा है.
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