EU से ब्रिटेन का एग्जिट होना तय, केवल महारानी की मुहर की देर

संसद की मंजूरी के बाद अब केवल महारानी से स्वीकृति मिलनी बाकी है. ब्रिेटेन की महारानी से स्वीकृति मिलते ही ब्रेग्जिट विधेयक औपचारिक तौर पर कानून बन जाएगा. अब ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन (ईयू) से बाहर निकलने की तरफ निर्णायक कदम बढ़ा लिया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 23, 2020, 06:15 AM IST
EU से ब्रिटेन का एग्जिट होना तय, केवल महारानी की मुहर की देर

नई दिल्लीः ब्रिटेन की संसद ने बुधवार को ब्रेग्जिट विधेयक को मंजूर कर लिया. कई सालों तक लगातार चली बहस और गतिरोध के बाद यह फैसला लिया गया. संसद की मंजूरी के बाद अब केवल महारानी से स्वीकृति मिलनी बाकी है. ब्रिेटेन की महारानी से स्वीकृति मिलते ही ब्रेग्जिट विधेयक औपचारिक तौर पर कानून बन जाएगा. अब ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन (ईयू) से बाहर निकलने की तरफ निर्णायक कदम बढ़ा लिया है. 31 जनवरी को ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाएगा. 

निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस से पहले ही ईयू से निकलने से संबंधित इस बिल पर मुहर लग चुकी है. ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई और कुछ सुझाव भी पेश किए गए. इसके तहत, यूरोपीय यूनियन के नागरिकों के अधिकार और बाल शरणार्थी से संबंधित कुछ बदलाव थे, हालांकि, अब इस बार सदन में चर्चा के दौरान सुझाए गए पांच सुझावों को को अस्वीकृत कर दिया गया.

सुझाव खारिज होने से निराशा भी
इस सुझाव को अस्वीकृत किए जाने पर पूर्व सांसद अल्फ डब्स ने निराशा भी जताई. उन्होंने कहा, यह बहुत ही निराशाजनक है कि हाउस ऑफ लॉड्स में जीत के बाद हाउस ऑफ कॉमंस में चाइल्ड रिफ्यूजी से संबंधित सुझाव को नामंजूर कर दिया गया. संसद में ब्रेग्जिट विधेयक को मंजूरी ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के लिए राहत भरा फैसला है. कंजर्वेटिव पार्टी के नेता जॉनसन ब्रेग्जिट के प्रबल समर्थक रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी थी कि चाहे कुछ भी हो जाए ब्रिटेन बिना समझौते के ईयू से बाहर निकल जाएगा. यहां तक कि जॉनसन ने कहा था कि वह इसके परिणामों के लिए तैयार हैं.

WEF के मंच पर फिर आमने-सामने आए ट्रंप-ग्रेटा

ऐसे समझें ब्रेग्जिट को
यूरोपीय यूनियन 28 देशों का संगठन है. इन 28 देशों के लोग आपस में किसी भी मुल्क में आ-जा सकते हैं और काम कर सकते हैं. इस वजह से ये देश आपस में मुक्त व्यापार कर सकते हैं. 1973 में ब्रिटेन ईयू में शामिल हुआ था और यदि वह बाहर होता है तो यह ऐसा करने वाला पहला देश होगा. ब्रेग्जिट का मतलब है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलग होना. यानी ब्रिटेन एग्जिट.

ब्रिटेन में 23 जून, 2016 को आम जनता से वोटिंग के जरिए पूछा गया कि क्या ब्रिटेन को ईयू में रहना चाहिए, उस वक्त 52 फीसदी वोट ईयू से निकल जाने के लिए मिले. 48 फीसदी लोगों ने ईयू में बने रहने की पैरवी की. ब्रिग्जेट समर्थकों का कहना है कि देश से जुड़े फैसले देश में ही होने चाहिए. इसके बाद इस पर लंबी बहस हुई और अब आखिरकार संसद ने अपनी मुहर लगा दी है. 

भारत में अब भी सरकार पर भरोसा करते हैं लोग, मीडिया पर भी है विश्वास

ट्रेंडिंग न्यूज़