आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन पर भड़का चीन, कहा- काम नहीं आएगी गुटबाजी

राष्ट्रपति बाइडन वाशिंगटन में 24 सितंबर को प्रत्यक्ष तरीके से आयोजित पहले क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा हिस्सा लेंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 14, 2021, 10:09 PM IST
  • भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका हैं क्वाड के चार देश
  • चीन ने कहा- तीसरे पक्ष को नहीं बनाना चाहिए निशाना
आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन पर भड़का चीन, कहा- काम नहीं आएगी गुटबाजी

बीजिंग: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) की मेजबानी में होने वाले आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad summit) को लेकर चीन (China) भड़क गया. चीन ने निशाना साधते हुए कहा है कि दूसरे देशों को लक्षित करने के लिए 'गुटबाजी' काम नहीं आएगी और इसका कोई भविष्य नहीं है.

24 सितंबर को होगा क्वाड सम्मेलन
राष्ट्रपति बाइडन वाशिंगटन में 24 सितंबर को प्रत्यक्ष तरीके से आयोजित पहले क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा हिस्सा लेंगे. क्वाड के आगामी शिखर सम्मेलन को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि देशों के बीच सहयोग के जरिए तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाना चाहिए.

'देशों के बीच हो आपसी विश्वास'
उन्होंने कहा, 'चीन का मानना है कि किसी भी क्षेत्रीय सहयोग ढांचे को समय की प्रवृत्ति के साथ होना चाहिए और क्षेत्र के देशों के बीच आपसी विश्वास तथा सहयोग के अनुकूल होना चाहिए. इसके जरिए किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाना चाहिए या उनके हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.' लिजियान ने कहा, 'दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए किसी तरह की गुटबाजी नहीं होनी चाहिए और ये क्षेत्र के देशों की आकांक्षाओं के अनुकूल नहीं हैं. इसलिए इसे समर्थन नहीं मिलेगा और ये तरीके काम नहीं करेंगे.'
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उन्होंने कहा, 'मैं इस बात का उल्लेख करना चाहता हूं कि चीन न केवल एशिया प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक विकास का इंजन है, बल्कि यह शांति की रक्षा करने वाली मुख्य शक्ति भी है.' साथ ही कहा कि चीन की उन्नति दुनिया में 'शांति के लिए अच्छी खबर' है. लिजियान ने कहा, 'संबंधित देशों को शीत युद्ध वाली मानसिकता और संकीर्ण सोच वाली भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की अवधारणा को त्याग देना चाहिए. सही ढंग से देखना चाहिए और क्षेत्र में लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करना चाहिए तथा क्षेत्रीय एकजुटता व सहयोग के लिए और अधिक काम करना चाहिए'
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बता दें कि नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग को खुला रखने के संबंध में नई रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड के गठन के लंबित प्रस्ताव को आकार दिया था. मार्च में राष्ट्रपति बाइडन ने डिजिटल तरीके से क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित किया था. दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच क्वाड का शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा.

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