नई दिल्ली. दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारी देश है चीन. सामरिक दृष्टि से वह शक्तिशाली तो है ही किन्तु उसकी कमज़ोर नस उसका व्यवसाय विस्तार है. उसकी इस नस को दबा कर ही प्रतिशोध लेने जा रहा है अमेरिका. जो आर्थिक प्रतिबंध अब अमेरिका चीन के खिलाफ लगाने की तैयारी कर रहा है, उससे चीन की आर्थिक मेरुदंड को बड़ी और कड़ी चोट पहुंचेगी.
प्रतिबंध समेत कई कदम उठाएगा अमेरिका
अब जबकि ये समाचार आया है कि अमेरिका में कोरोना मौतों की संख्या उससे कहीं ज्यादा है जितनी बताई जा रही है. ऐसे में लगातार हो रही कोरोना मौतों से भड़का डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा समझ में आता है. अमेरिका ने ठान लिया है कि अब वह चीन को सजा दे कर रहेगा. व्हाइट हाउस के सूत्रों से मीडिया को जानकारी मिली है कि अमेरिका चीन पर कई प्रतिबंध लगाने के अतिरिक्त उसके खिलाफ बहुत से दूसरे कदम भी उठाने जा रहा है.
सूचीबद्ध हो कर लिया जाएगा प्रतिशोध
चीन को सजा देने की तैयारी में अमेरिका एक पूरी सूची तैयार कर रहा है जिन पर चीन के खिलाफ काम किया जाना है. इन बिंदुओं के अंतर्गत लिए जाने वाले प्रतिशोध में अमेरिकी ऋण दायित्वों को रद्द करने और नई व्यापार नीतियों को तैयार करने जैसे कई उपाय भी सम्मिलित किये गए हैं. इतना ही नहीं, चीन को लेकर जहां-जहां अमेरिकी भूमिका सशक्त है, हर उस जगह पर अमेरिका चीन के विरुद्ध मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा है.
दो स्तरों पर कार्य करने वाला है अमेरिका
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन दो स्तरों पर काम शुरू करने जा रहा है. दोनों स्तरों पर एक साथ काम चलेगा जिसमे पहले स्तर पर अमेरिका की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के प्रयास किये जाएंगे. दूसरे समानांतर स्तर पर अमेरिका से प्रतिशोध के कदम उठाये जाएंगे. अधिकारियों ने ट्रंप की सोच का संकेत देते हुए कहा कि हम चीन को यह सबक सिखाने के तरीके खोजेंगे कि उसे पता चल जाए कि उसने जो किया है वह सर्वथा निंदनीय है.
खुफिया विभाग को दी है जिम्मेदारी
अमेरकी खुफिया विभाग पर भारी प्रशासनिक दबाव है. उसे यह दायित्व दिया गया है कि वह पता लगाए कि क्या चीन के वुहान शहर की लेबोरेट्री से कोरोना वायरस निकला है या इसके अलावा इस साजिश के सूत्र कहीं और जुड़े हैं. विभाग पर व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने लगातार इस बात को लेकर दबाव बनाया हुआ है कि वे अतिशीघ्र इसका पता लगाएं.
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