व्हाइट हाउस का डर: अमेरिका में मर सकते हैं लगभग ढाई लाख लोग

कोरोना ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश को बुरी तरह आतंकित कर दिया है. व्हाइट हाउस ने हाल ही में चेतावनी दी है कि यदि सौ प्रतिशत से ज़रा भी कम सावधानी रखी गई तो अमेरिका में करीब ढाई लाख लोगों की जानें जा सकती हैं..

Last Updated : Apr 1, 2020, 09:08 PM IST
    1. सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र विकल्प
    2. बेहद दर्दनाक वक्त के लिए तैयार हो जाइये
    3. वायरस टास्कफोर्स ने भी किया सावधान
व्हाइट हाउस का डर: अमेरिका में मर सकते हैं लगभग ढाई लाख लोग

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने अमेरिका में आतंकी हमला किया है और देखते ही देखते अमेरिका में 1,75,067 लोग कोरोना से संक्रमित हो गए हैं जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा है. इतना ही नहीं कोरोना से मारे गए लोगों की संख्या 3800 के पार पहुंच गई वहीं चीन में 3,309 लोग कोरोना से मरे हैं. कोरोना को लेकर व्हाईट हाउस गहरी चिन्ता में डूबा हुआ है.

सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र विकल्प 

डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में अमेरिका को सावधान किया था कि उसे कोरोना संक्रमण का अगला बड़ा केंद्र बनने से रोकने के लिए विशेष प्रयत्न करने होंगे. अब इस बात में व्हाइट हाउस को यकीन होने लगा है और उसका अनुमान है कि कोरोना वायरस की महामारी से डेढ़ से ढाई लाख लोग मारे जा सकते हैं. और यदि सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन न किया गया तो यह संख्या दुगुनी बढ़ सकती है.  

बेहद दर्दनाक वक्त के लिए तैयार हो जाइये

इन शब्दों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दुःख और उनका भी दिखाई देता है जो उन्होंने  अमेरिकियों के लिए कहे. देश के नाम सन्देश में अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम सबको बेहद दर्दनाक वक्त के लिए तैयार रहना होगा. डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से कहा कि मैं हर अमेरिकी से कहना चाहता हूँ कि वह अपने आपको आने वाले मुश्किल वक्त के लिए तैयार कर ले. अगले दो हफ्ते बहुत ही डरावने  होने वाले हैं.

वायरस टास्कफोर्स ने भी किया सावधान 

अमेरिका की  वायरस टास्कफोर्स ने भी देश को आगाह किया रोकथाम के प्रयास जारी रहने के बाद भी डेढ़ से ढाई लाख लोगों की जानें जा सकती हैं. व्हाइट हाउस द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई कोरोना वायरस टास्कफोर्स में शामिल डॉ. डेबोरा बिर्क्स ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि तमाम मॉडलों से ये आशंका बन रही है कि अगर महामारी को सही ढंग से सही वक्त पर न रोका गया तो  सबसे बुरी स्थिति में 15 से 20 लाख मौतें हो सकती हैं.

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