Fox Eye Facelift: हिरणी नहीं, लोमड़ी जैसी आंखें चाहती हैं लड़कियां, जानें क्या है नया ब्यूटी ट्रेंड

इस नए कॉस्मेटिक ट्रेंड का नाम है-फॉक्स आई फेसलिफ्ट (fox eye facelift) . सोशल मीडिया साइटों पर युवा महिलाओं के लिए फॉक्स-आई थ्रेडलिफ्ट को सराहा जा रहा है, जिससे इसका प्रचलन बढ़ रहा है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 6, 2022, 11:09 AM IST
  • भौहों को सर्जरी के जरिए खींचकर लंबा किया जाता है
  • आंखों के कोने को ऊपर और पीछे घुमाया जाता है
Fox Eye Facelift: हिरणी नहीं, लोमड़ी जैसी आंखें चाहती हैं लड़कियां, जानें क्या है नया ब्यूटी ट्रेंड

लंदन: दुनिया भर की लड़कियों में एक ब्यूटी ट्रेंड बढ़ रहा है. इसके लिए लड़कियां कॉस्मेटिक सर्जरी करा रही हैं और घातक सेप्सिस और चेहरे के पक्षाघात का जोखिम क्यों उठा रही हैं? इस नए कॉस्मेटिक ट्रेंड का नाम है-फॉक्स आई फेसलिफ्ट (fox eye facelift) . सोशल मीडिया साइटों पर युवा महिलाओं के लिए फॉक्स-आई थ्रेडलिफ्ट को सराहा जा रहा है, जिससे इसका प्रचलन बढ़ रहा है. 

क्या है 'फॉक्स-आई फेसलिफ्ट' 
फॉक्स आई फेसलिफ्ट में युवा महिलाएं एकतरफा भौहों को सर्जरी के जरिए खींचकर लंबा किया जाता है. आंखों के कोने को नाटकीय अंदाज में ऊपर और पीछे घुमाया जाता है. इससे आंखें काफी तीखी नजर आती हैं. अमेरिकी ए-लिस्ट मॉडल बेला हदीद और किम कार्दशियन की बहन केंडल जेनर के लुक ने लोगों को इस सर्जरी के लिए प्रेरित किया है. 

कैसे होती है ये सर्जरी
इस प्रक्रिया में भौहों में प्लास्टिक का धागा डालना और त्वचा को खींचना शामिल है. प्लास्टिक सर्जिकल धागे का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कि घावों को सिलाई करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन छोटे बार्ब्स में ये ढके होते हैं, आंखों के बगल में त्वचा के नीचे डाले जाते हैं और कसकर खींचे जाते हैं.

सुपरमॉडल जैसी देखने का क्रेज
महिलाएं इस प्रक्रिया के लिए 45 हजार रुपये (500 डॉलर) तक का भुगतान कर रही हैं. खास बात है कि इस सर्जरी का असर कुछ दिनों तक ही रहता है. इस सर्जरी में 20 मिनट का वक्त लगता है. हालांकि डॉक्टर इस तरह की सर्जरी को न कराने की सलाह देते हैं. पर लड़कियों को लगता है कि इस छोटी कॉस्मेटिक प्रक्रिया से वह सुपरमॉडल की तरह दिखने लगेंगी. 

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ब्रिटेन के कॉस्मेटिक डॉक्टरों का कहना है कि पिछले 12 महीनों में फॉक्स-आई थ्रेडलिफ्ट के बारे में पूछताछ में वृद्धि हुई है - लेकिन हर कोई प्रशंसक नहीं है. जो महिलाएं सर्जरी के बाद अपनी तस्वीरें ऑनलाइन साझा करती हैं, उनका अक्सर उपहास किया जाता है और उनकी तुलना एलियंस से की जाती हैं. और विशेषज्ञों का कहना है कि यह उतना सीधा या जोखिम-मुक्त नहीं है जितना कि अक्सर इसका वर्णन किया जाता है. 

कई तरह के जोखिम
वास्तव में, जोखिम और जटिलताएं सर्जरी की तरह ही गंभीर हैं - जिसमें गंभीर संक्रमण, चोट लगना और सूजन शामिल है. माथे में गति को नियंत्रित करने वाली एकल तंत्रिका भौंह के ठीक ऊपर बैठती है. इसे धागे या सुई से नुकसान पहुंचाना बहुत आसान है. और अगर ऐसा होता है, तो आप स्थायी रूप से ऐसे दिखेंगे जैसे आपको दौरा पड़ा हो.' ब्रिस्टल में प्लास्टिक सर्जन और ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक रिकंस्ट्रक्टिव एंड एस्थेटिक सर्जरी के पूर्व अध्यक्ष मिस्टर निगेल मर्सर कहते हैं: 'यह एक आम गलत धारणा है कि थ्रेडलिफ्ट आसान होते हैं. फॉक्स-आई थ्रेडलिफ्ट्स से नाखुश महिलाएं स्थायी निशान की शिकायत करती हैं. 

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