ट्रंप को पस्त समझ चीन ने चली 'दोस्ती' की चाल!

चीन अपनी फितरत पर फिर उतर आया है.अमेरिकी राष्ट्रपति बीमार क्या हुए, कि ड्रैगन को लगा सबसे बड़ा दुश्मन पस्त हो गया है.यही मौक़ा है,उसने अमेरिका की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है.  

Written by - Ajit Kumar | Last Updated : Oct 4, 2020, 09:32 PM IST
    • चीन ने ये कहना शुरू कर दिया कि वह ट्रंप को इस संकट से उबारने में हर मदद को तैयार
    • मौक़ापरस्त ड्रैगन ने बदली अपनी चाल
ट्रंप को पस्त समझ चीन ने चली 'दोस्ती' की चाल!

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीमार क्या पड़े कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें कमजोर मान लिया और ये मान बैठा कि अब ट्रंप चीन पर पहले की तरह हमलावर नहीं रहेंगे. इसे कहते हैं मौक़े की ताक में रहने वाला शातिर. आनन फानन में चीन ने अपनी स्ट्रैटेजी बदली और अमेरिका की लगातार चेतावनियों से डरा चीन, दुश्मन को पस्त समझ कर तुरंत दोस्ती का फॉर्मूला चलाने की कोशिश करने लगा.

वैसे तो इस पहल में कोई बुराई नहीं, उल्टे इसकी तारीफ़ ही होगी.मगर क्या ड्रैगन इसके क़ाबिल है? क्या इतने भर से उसके सारे पाप धुल जाएंगे? जिसने दुनिया को कोरोना जैसी माहामारी का शाप देकर उसकी मजबूरियों का फ़ायदा उठाया. कोरोना संक्रमण के वक्त अपना खजाना भरा और अपनी हड़प नीति के तहत दुनिया के कई देशों से जंग छेड़ दी.

'आपदा में अवसर' की मौक़ापरस्त साजिश!

चीन ने ये कहना शुरू कर दिया है कि वह ट्रंप और उनकी पत्नी के जल्द स्वस्थ होने और उन्हें इस संकट से उबारने में हर मदद को तैयार है. हद तो तब हो गई, जब बात-बात में अमेरिका और पश्चिमी देशों को आंखें दिखाने वाला, उनकी बखिया उधेड़ने वाला चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने अपने देश के लोगों से अपील कर दी कि वो सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति की बीमारी का ना तो मज़ाक उड़ाएं, ना हीं किसी तरह की नफरत का इज़हार करें

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि ''अमेरिका ने इस दौरान चीन के खिलाफ पूरी दुनिया में भले जहर उगला, कोरोना की महामारी के लिए चीन को एकमात्र जिम्मेदार ठहराते हुए चीन पर हर तरह की पाबंदियां लगा दीं,मगर ऐसे मुसीबत के वक्त में चीन को अमेरिका का साथ देना चाहिए''

मौक़ापरस्त ड्रैगन ने बदली अपनी चाल

ये बात ठीक है कि चीन, अमेरिका से रिश्ते सुधारने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहता. उसे ट्रंप के संक्रमित होने पर दोस्ती की पेशकश का पूरा अधिकार है और ये बातें कहीं से भी आलोचना के काबिल नहीं हैं. पर ड्रैगन को ये नहीं भूलना चाहिए,..कि ट्रंप उसी चीनी वायरस के शिकार हैं, जिसका जन्मदाता चीन है.और उसने इससे संबंधित जानकारियों पर लगातार पर्दादारी की है.ये वही चीन है जिसने इस कोरोना काल में कई देशों को कोरोना टेस्ट किट,घटिया क्वालिटी के पीपीई किट्स, ग्लब्स और मास्क जैसी चीज़े बेचकर इस आपदा में दूसरे देशों की मजबूरियों का फ़ायदा उठाकर अपना खजाना भरने के लिए ग़लत तरीक़ों का इस्तेमाल किया.

ट्रंप हुए संक्रमित तो चीन की खिल गईं बांछें

ये वही ड्रैगन है, जिसने कोरोना काल से त्रस्त दुनिया के देशों को अपने विस्तारवादी सोच से लगातार उलझा रखा है.जिसकी वजह से विश्व युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं.ऐसे में भला चीन की अमेरिका को भेजी दोस्ती की पेशकश पर क्या तब तक भरोसा किया जा सकता है जब तक कि ड्रैगन अपने किए पर अफसोस ना जताए. दुनिया भर में कोरोना से मरे लाखों लोगों के परिवार से माफी मांगे. दुनिया की इकोनॉमी चौपट करने का हर्जाना दे? क्या चीन की ये मौक़े का फायदा उठाने वाली साजिश नहीं? क्या अमेरिका से दोस्ती की पेशकश भर से चीन के सारे पाप धुल जाएंगे?

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