नई दिल्ली. कोरोना से हर देश अपनी अपनी तरह से संघर्ष कर रहा है. कामयाबी बहुत कम देशों को मिली है और किस्मत से भारत सबसे ज्यादा कामयाब देश है कोरोना के खिलाफ इस जिद्दोजहद के मामले में. लेकिन एक देश ऐसा है जो चीन के बाद सबसे भीषण कोरोना कोरोना की मार झेल रहा है. ये देश है इटली जिसकी आधी जनता घरों में कैद है और यहां का मेडिकल स्टाफ कोरोना से युद्ध करते करते बेदम होता जा रहा है. किसी को नहीं पता कहां जा कर थमेगी ये जंग.
सिर्फ एक तस्वीर काफी है
इन दिनों इटली के मेडिकल स्टाफ की एक तस्वीर सुर्ख़ियों में है जो इटली के स्वास्थ्यकर्मियों की स्थिति दर्शा रही है. इस तस्वीर में एक इटली के एक अस्पताल में एक बेहद थकी नर्स दिखाई दे रही है जो कि की-बोर्ड पर हाथ रखकर सोती हुई नज़र आ रही है. ये अस्पताल इटली के कोरोना पीड़ित उत्तरी लोम्बार्डी क्षेत्र के अस्पताल की एक नर्स की है जिसका नाम एलिन पेग्लियारिनी है. एक दूसरी नर्स डेनियल मैकशिनी अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखती हैं कि - '' दो हफ्ते हो गये हैं, मैंने अपने बेटे और परिवार को नहीं देखा है.. मेरा दिल घबरा रहा है कहीं वो भी कोरोना वायरस की चपेट में न आ जाएं''
घबराये तो हैं मगर हारे नहीं हैं
इटली के कोरोना पीड़ितों का अस्तित्व दुनिया के हर देश की तरह यहां भी यहां के स्वास्थ्यकर्मियों के हाथों में हैं. दोनों ही नहीं जानते कि हालात कहाँ जा कर थमेंगे. कोरोना संक्रमित लोग भी घबराये हुए हैं और उनकी सेवा-सुश्रुसा कर रहा यहां का मेडिकल स्टाफ भी घबराया हुआ है लेकिन हार किसी ने नहीं मानी है. अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ बिना छुट्टी लिए लगातार अपनी सेवायें दे रहा है. ये मास्क स्वास्थ्यकर्मियों के चेहरे पर घाव बना रहे हैं उन पर लगे मास्क और तनाव दबाव दिन ब दिन बढ़ती थकान को और बढ़ा रहे हैं. पर इन्होंने अब तक हार नहीं मानी है.
थकान और तनाव से बेदम है हालत
मेडिकल स्टाफ बस आगे चले ही जा रहा है अपनी सेवायें देते हुए कोरोना के खिलाफ जो अब थकान और तनाव की मार से बोझिल लग रहा है. बेदम शरीर से सेवायें देता ये मेडिकल स्टाफ यहीं सो भी लेता जग भी लेता है और यहीं दिन रात अपने काम को ईमानदारी से अंजाम देने में जुटा है. यहां की जिस नर्स की तस्वीर दुनिया भर में देखी जा रही है उसका बस एक वाक्य ही उसकी तकलीफ को ज़ाहिर कर देता है - मैं थक गई हूँ क्योंकि मैं उस दुश्मन से लड़ रही हूँ जिसे मैं जानती भी नहीं !
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