नई दिल्ली. कोरोना के आतंक का आलम ये है कि दुनिया की 15 बड़ी इकोनॉमी कोरोना-ग्रस्त हैं और भारत की अगर बात करें तो भारत के तीन बड़े सेक्टर्स कोरोना की मार से बुरी तरह चोटिल हैं. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कोरोना के खतरे और उसके असर को भांप लिया है और इस आधार पर ग्लोबल इकोनॉमी की विकास दर में भारी कटौती का अनुमान किया है..
जनजीवन हुआ प्रभावित
दुनिया भर में कोरोना के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. कोहराम मचाती इस महामारी के डर से स्थितियां अधिक बिगड़ रही हैं. दुनिया भर में बाजार-मॉल्स खाली हो रहे हैं. यात्रायें भी कम से कम ही हो रह हैं, लोगों ने अपनी गैर-जरूरी यात्राएं रोक दी हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सभी साधन कम से कम इस्तेमाल किये जा रहे हैं. लोग घर से ही कम निकल रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां जैसे कि ट्विटर, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, पेटीएम आदि ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की छूट दे दी है.
दस अर्थव्यवस्थाएं पीड़ित हुई हैं
चीन के कोरोना ने चीन सहित दुनिया के दस बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के आर्थिक हालात बिगाड़े हैं. इन दस सर्वोच्च अर्थव्यवस्थाओं में भारत भी शामिल है. इन दस बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के कोरोना पीड़ित होने से दुनियावी अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है. इस अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक असुंतलन की दिशा में संयुक्त राष्ट्र की संस्था कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवेलपमेंट यानी UNCTAD के द्वारा खतरे का संकेत दिया गया है.
भारत के तीन बड़े सेक्टरों की दुर्गति हुई
जो तीन बड़े सेक्टर्स कोरोना-ग्रस्त हुए हैं उनमे से एक तो रियल एस्टेट सेक्टर है जो कि पिछले दो तीन साल से पहले ही वैश्विक मंदी की मार झेल रहा था. भारत में दूसरा सेक्टर जो कोरोना-पीड़ित है वह है ऑटोमोबाइल सेक्टर. यह भी लगभग पिछले एक साल से कुछ समस्याग्रस्त चल रहा था किन्तु कोरोना ने तो इसको बुरी तरह झकझोर दिया है. तीसरा बड़ा सेक्टरों है ज्यूलरी सेक्टर. कोरोना से घबराये हुए लोगों ने अब पैसा बचा कर रखना शुरू कर दिया है और ज्यूलरी की तरफ वे बिलकुल नहीं देख रहे हैं.