नई दिल्ली: उलटा चोर कोतवाल को डाटे. चीन इस समय अमेरिका के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध कर रहा है और कह रहा है कि चीन में और दुनिया में कोरोना संक्रमण को अमेरिका की सेना ने फैलाया है. लेकिन अब जो संकेत खुल कर सामने आ रहे हैं उसमें साफ़ तौर पर नज़र आ रहा है कि कोरोना चीन की एक सोची समझी साजिश हो सकती है जिसमें डब्ल्यूएचओ ने भी एक संदेहास्पद भूमिका निभाई है.
अमेरिका ने चीन को साजिशकर्ता माना
कोरोना के वैश्विक संकट के लिए अमेरिका ने साफ़ तौर पर चीन को कटघरे में खड़ा किया है. कुछ दिन पहले हुए ट्रम्प और शी जिनपिंग के बीच मौखिक विवाद से जाहिर हुआ था कि अमेरिका ने साफ़ तौर पर कोरोना को चीन की साजिश न मानने से इंकार कर दिया है. ट्रम्प ने कोरोना को चीनी वायरस कहा था जिस पर चीन के राष्ट्रपति ने आपत्ति जताई थी और पलटवार करते हुए कहा था कि ये अमेरिकी साजिश है जो चीन में अंजाम दी गई है.
ट्रम्प ने कहा डब्ल्यूएचओ है चीन की तरफ
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपरोक्ष रूप से चीन को कोरोना महामारी का प्रमुख साजिशकर्ता मानते हुए डब्ल्यूएचओ को उसमें भागीदार माना है. ट्रम्प ने कहा कि कोरोना पर WHO ने चीन का साथ दिया है और दुनिया को सही वक्त पर इस महामारी के खिलाफ वार्निंग जारी नहीं की.
''चीन को बचाने की कोशिश की''
डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस षडयंत्र में परोक्ष-अपरोक्ष रूप से भूमिका निभाने का जिम्मेदार ठहराया. अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन को बचाने की कोशिश की है.
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इस आरोप को आगे बढ़ाते ट्रम्प ने कहा कि अगर डब्ल्यूएचओ चीन का पक्ष न लेता तो दुनिया को सही समय पर कोरोना की जानकारी मिल जाती.
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