नई दिल्ली. जैसी उम्मीद थी, वही हुआ. डोनाल्ड ट्रम्प के विरोधियों ने कोशिश तो पूरी की थी लेकिन वे डोनाल्ड ट्रम्प नाम की चट्टान को हिला भी नहीं सके. झूठ की ईंट पर खड़ी की जा रही साजिश की इमारत धराशायी हो गई और महाभियोग से डोनाल्ड ट्रम्प साफ़ बरी हो गए.
प्रक्रिया चली पूरे उनचास दिन
लगभग दो महीने चलने वाली इस महाभियोग की प्रक्रिया ने डोनाल्ड ट्रम्प को बिलकुल भी परेशान नहीं किया. जबकि मीडिया ने राष्ट्रपति विरोधियों का साथ देते हुए डोनाल्ड ट्रम्प को लगातार खतरे में बताया. परंतु जैसी दुनिया को उम्मीद थी, डोनाल्ड ट्रम्प पर लगाए गए आरोपों की हवा निकल गई. वे हर आरोप से साफ़ बरी हो गए.
तीसरे ऐसे अमरीकी राष्ट्रपति हैं ट्रम्प
महाभियोग जैसे बड़े वैधानिक संकट से बच निकलने वाले डोनाल्ड ट्रम्प तीसरे राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले एन्ड्र्यू जॉनसन और बिल क्लिंटन दो ऐसे राष्ट्रपति थे जिन पर इसी तरह के साजिशाना आरोप लगा कर उनके विरोधियों ने उनके खिलाफ महाभियोग खड़ा कर दिया था. लेकिन ट्रम्प की तरह उनका भी कुछ नहीं बिगड़ा था.
सत्ता के दुरूपयोग का था मुख्य आरोप
डोनाल्ड ट्रम्प पर लगाए गए दो मुख्य आरोपों में प्रथम था सत्ता के दुरूपयोग का जबकि दूसरा आरोप उन पर कांग्रेस के काम में अड़ंगा डालने का लगाया गया था. दोनों ही आरोप बेबुनियाद सिद्ध हुए. अमरीकी सीनेट में हुए मतदान में पहले आरोप पर ट्रम्प के समर्थन में 52, विरोध में 48 वोट पड़े. इसी तरह दूसरे आरोप पर 53-47 से ट्रम्प को जीत हासिल हुई.
ट्रम्प की पार्टी का है बहुमत
अमेरिकी संसद में ट्रम्प का डंका बज रहा है. उच्च सदन में उनकी पार्टी रिपब्लिकंस का बहुमत है. इसलिए जब उच्च सदन में मामला पहुंचा तो मामला खड़ा भी न हो सका. डोनाल्ड ट्रम्प हर आरोप से साफ बरी हो गए.
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