हत्या, उत्पीड़न और रेप के 2000 युद्ध अपराध, 30 साल बाद अब पता चले तानाशाह के कई पाप

1990 में सद्दाम हुसैन के आक्रमण के समय कुवैत में उतरने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट में 300 से अधिक लोग थे. सबसे ज्यादा इन्हीं नागरिकों की हत्या, उत्पीड़न और दुष्कर्म किया गया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 17, 2021, 12:29 PM IST
  • मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल हुए आठ लोगों की मृत्यु हो गई
  • कुछ को दिल का दौरा पड़ा तो किसी ने सुसाइ़ड कर लिया
हत्या, उत्पीड़न और रेप के 2000 युद्ध अपराध, 30 साल बाद अब पता चले तानाशाह के कई पाप

लंदन: इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन के शासन के दौरान ब्रिटेन के लोगों के खिलाफ 2,000 युद्ध अपराध किए गए. यह युद्ध अपराध 1990 के इराक के कुवैत पर आक्रमण के बाद के हैं. 30 वर्षों तक गुप्त रखी गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. 

डेली मेल ने इस रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि 1990 में सद्दाम हुसैन के आक्रमण के समय कुवैत में उतरने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट में 300 से अधिक लोग थे. इन्हीं नागरिकों की हत्या, उत्पीड़न और दुष्कर्म किया गया था. कुछ के सिर और अंडकोष पर बिजली के झटके भी मारे गए थे. 

तरह-तरह से उत्पीड़न
मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल हुए आठ लोगों की रिहा होने के बाद मृत्यु हो गई. कुछ को दिल का दौरा पड़ा तो किसी ने सुसाइ़ड कर लिया. 'ऑपरेशन सैंड कैसल' के जांचकर्ताओं ने 1,868 गवाहों का साक्षात्कार लिया और 725 और बयान लिए. उन्होंने पाया कि ब्रिटिश नागरिकों के खिलाफ 1,944 और दूसरे देश के लोगों के खिलाफ 1,506 अपराध किए गए थे. दस ब्रिटेनवासी हत्या के प्रयास के शिकार हुए.

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पूर्व रॉयल मरीन डगलस ब्रांड और उनके सहयोगी पैट्रिक ट्रिग सहित चार ब्रितानियों के साथ 'अमानवीय व्यवहार' किया गया था, जिन्हें कुवैत छोड़ने की कोशिश करते समय पकड़ लिया गया था.

एक दंपति ने कहा कि उन्हें नियमित रूप से पीटा जाता था और उनके सिर और अंडकोष पर बिजली के झटके लगाए जाते थे. लोगों की पिटाई की जाती थी और गार्ड भी लोगों पर हमला करते थे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पुरुषों को 'बेंतों, लकड़ी के टुकड़ों या कामचलाऊ कोड़ों से पीटा गया.'

रॉयल मिलिट्री पुलिस की रिपोर्ट
1992 में रॉयल मिलिट्री पुलिस के साथ विशेष शाखा के जांचकर्ताओं द्वारा संकलित रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक द्वारा जिनेवा कन्वेंशन के उल्लंघनों के मजबूत सबूत हैं. इसमें कहा गया है कि 1,373 ब्रितानियों को बंधक बनाया गया था, जिसमें 556 को 'मानव ढाल' के रूप में इस्तेमाल किया गया था.
इनमें से 300 से अधिक ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान में थे जो सद्दाम के आक्रमण के समय कुवैत में उतरी थी.

पिछले महीने विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने माफी मांगते हुए स्वीकार किया कि ब्रिटेन के मंत्रियों को आक्रमण के बारे में पता था लेकिन उन्होंने ब्रिटिशएयरवेज को विमान को मोड़ने के लिए नहीं कहा. विमान में सवार कई लोगों का दावा है कि उड़ान को इसलिए नहीं रोका गया क्योंकि उसमें विशेष बलों की खुफिया जानकारी एकत्र करने वाली टीम थी. हालांकि सरकार के प्रवक्ता ने फिर से इसका खंडन किया.

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