नई दिल्ली. कंगना ने सुशांत हत्या मामले पर रिया चक्रवर्ती और नेपोटिज़्म को निशाने पर लिया था. बाद में बात बढ़ते-बढ़ते कंगना और संजय राउत के बीच आ गई और शुरू हो गया संवादों का आदान प्रदान. इस वाद-विवाद की ध्वनि इतनी कर्ण-कटु हो गई कि देश ने सुना कि संजय राउत ने कंगना को हरामखोर लड़की कहा. उसके बाद हालत आज नौ सितंबर तक आ पहुंची जहां अपना दफ्तर तोड़ दिए जाने के बाद कंगना ने मुख्यमंत्री के खिलाफ सीधे-सीधे मोर्चा खोल दिया है.
बीएमसी ने की 'सरकारी' कार्रवाई
कंगना रनौत सुशांत हत्या पर न्याय की आवाज़ उठा रही थीं जिसके कारण उनकी संजय राउत और महाराष्ट्र सरकार के साथ जुबानी जंग शुरू हो गई और यह तकरार बढ़ते बढ़ते आर-पार की लड़ाई में बदल गई. कंगना को संजय राउत ने धमकी दे कर कहा कि खबरदार, मुंबई मत आना. इसके जवाब में धमकी को स्वीकार करते हुए कंगना ने कहा कि मैं आ रही हूं 9 सितंबर को, जो करना है कर लो!
बदलापुर की तारीख 9 सितंबर
कंगना का पलटवार संजय राउत के लिए तकलीफनाक तो था ही अब कंगना की पलट-चुनौती उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई. कंगना ने भी 9 सितंबर की चुनौती दी थी इसलिए उन्होंने ने बदला लेने का दिन भी 9 सितंबर ही रखा. कंगना को लगा कि उन पर संजय राउत के लोग हमला करेंगे लेकिन वाई सुरक्षा मिलने के बाद यह आशंका भी समाप्त हो गई. परंतु उधर सजंय राउत के मन में कुछ और ही चल रहा था.
मणिकर्णिका फिल्म्स का विध्वंस
सरकार संजय राउत की है, वे खुद को किंगमेकर मानते हैं और ये भी जानते हैं कि सीएम ठाकरे जानते हैं कि संजय राउत जो कर रहे हैं सरकार के हित में कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने कंगना से जो पंगा लिया उसमें भी उनको सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है हालांकि उनकी हरकतें उद्धव सरकार की बलि भी ले सकती हैं. लेकिन संजय राउत जो बेताज के डेप्युटी सीएम हैं, ने कंगना रनौत का ऑफिस जमींदोज़ करके अपना बदला ले लिया.
ऑफिस के बाद अब कंगना का घर
बीएमसी ने बता दिया कि वह भारत की सबसे 'बड़ी' नगर पालिका ऐसे ही नहीं है. कंगना रनौत का दफ्तर तोड़ने के बाद अब उसकी नज़र कंगना के घर पर है और उसने अपना इरादा भी जाहिर कर दिया. बदले में बदला लेने की कसम खाते हुए कंगना ने कहा है कि जियूं या मरूं, उद्धव ठाकरे और करण जौहर गैंग को बेनकाब करके रहूंगी !!
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