बाइडेन का ‘वेलकम’ परमाणु बम से करेगा किम जोंग उन!
जिस दिन अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति शपथ लेते हैं उस दिन किम जोंग उन उनका स्वागत किसी परमाणु परीक्षण या फिर मिसाइल टेस्ट से करता रहा है.
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया (North Korea) के सनकी तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong-un) पर एक बार फिर सनक सवार है अबकी बार वो अमेरिका को तबाह करना चाहता है. उसने अमेरिका (America) पर परमाणु हमला करने का खौफनाक मंसूबा तैयार किया है. उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी को संबोधित करते हुए किम जोंग उन ने कहा कि अमेरिका में कोई भी सरकार आए उससे रिश्तों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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अमेरिका हमेशा उसका दुश्मन नंबर एक रहेगा. उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA के मुताबिक किम ने बैठक में कहा कि व्हाइट हाउस (White House) में चाहे कोई भी आये पर अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीतियाँ बदलने वाली नहीं हैं. उसने आगे कहा कि हमारी नीतियां अमेरिका को दबाने की ओर होनी चाहिए जो हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है और हमारे देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है.
20 जनवरी: अमेरिका में बवंडर!
सनकी तानाशाह के दिमाग में 20 जनवरी की तारीख बहुत खटक रही है. इसी दिन अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति शपथ लेने वाले हैं और सनकी तानाशाह अपनी आदत के मुताबिक उनका स्वागत किसी परमाणु (Nuclear Bomb)परीक्षण या फिर मिसाइल टेस्ट से करने वाला है. पहले भी वो ऐसा करता आया है.
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डोनाल्ड ट्रंप (Donal Trump) के शपथ ग्रहण वाले दिन भी किम ने मिसाइल टेस्ट कर अमेरिका को चुनौती दी थी हालांकि बाद में दोनों के रिश्तों में सुधार आया और सनकी तानाशाह की डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात भी हुई. जब बराक ओबामा (Barack Obama) ने शपथ ली थी तब भी किम जोंग ने उनका स्वागत लंबी दूरी की मिसाइल टेस्ट से किया था.
ओबामा के शासन में जो बाइडेन (Joe Biden) उपराष्ट्रपित थे और उनका किम से हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है लिहाजा 20 जनवरी को बाइडेन के शपथ ग्रहण के दौरान किम जोंग ऐसा धमाका करना चाहता है जिसकी गूंज व्हाइट हाउस तक सुनाई पड़े.
15 हजार किमी. दूर तबाही का धमाका
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हथियारों के लिए पागल रहने वाला किम जोंग अब ऐसी इंटर बैलिस्टिक मिसाइल तैयार करने में जुटा है जो 15 हजार किमी. दूर तक मार कर सकती है. वर्कर्स पार्टी की मीटिंग में उसने इसका दावा करते हुए किम का इशारा अमेरिका की तरफ था. दरअसल जो बाइडेन की जीत के बाद से ही किम जोंग का मूड खराब है.
उसने बाइडेन की जीत के बाद उन्हें पागल कुत्ता कहा था जबकि बाइडेन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान किम जोंग को ठग कहा था लेकिन शब्दवाण के बाद अब बाइडेन के सामने असली तीर झेलने का वक्त आ गया है. सनकी किम घातक मिसाइलों से बाइडेन को बता देना चाहता है कि वो अमेरिका के सामने झुकने वाला नहीं है.
किम की नई सनक से कोरियाई प्रायदीप में एक बार फिर तनाव चरम पर आ सकता है क्योंकि बाइडेन की प्राथमिकता किम जोंग के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगाना है जबकि किम के भंडारगृह में भले खाने के लिए दाने न हों लेकिन हथियार जरूर होने चाहिए. वो दिन रात नई-नई मिसाइल और नए-नए परमाणु बमों के बारे में सोचता रहता है. अमेरिका को दी गई किम की धमकी उसका आखिरी पैगाम साबित हो सकती है.
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परमाणु पनडुब्बी का परीक्षण
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA के मुताबिक किम जोंग जल्द परमाणु बम से लैस पनडुब्बी का परीक्षण कर सकता है जिसकी रिसर्च और डिजाइन का काम पूरा हो चुका है. किम को शक है कि आसमान से अमेरिका को दहलाना आसान नहीं है क्योंकि उसके पास ऐसी तकनीक और सैटेलाइट हैं जो किम की तमाम मिसाइलों को टारगेट तक पहुंचने से पहले ही खाक में मिला सकते है लिहाजा किम ने अब समंदर के रास्ते अमेरिका पर हमले का प्लान बनाया है.
इसी मकसद को पूरा करने के लिए वो परमाणु बम से लैस ऐसी पनडुब्बी बना रहा है जो अमेरिका के उन सैन्य ठिकानों में तबाही मचा सके जो समंदर के किनारे बने हैं. किम के निशाने पर अमेरिका का गुआम सैन्य बेस है. कहते हैं कि अगर दुश्मन गुआम को तबाह कर दे तो फिर अमेरिका की जंग लड़ने की क्षमता नहीं रहेगी.
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अमेरिका के गुआम सैन्य बेस की उत्तर कोरिया से दूरी महज 3430 किमी. है जबकि किम के पास 10 हजार किमी. तक तबाही मचाने वाली मिसाइलें हैं लेकिन गुआम पर वो समंदर के रास्ते हमला करना चाहता है.
किम के तरकश में नये तीर
सनकी तानाशाह किम ने डोनाल्ड ट्रंप (Donal Trump) के दौर में मिली छूट का भरपूर फायदा उठाया. इस दौरान किम जोंग ने अपनी परमाणु क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ा ली है. अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के मुताबिक किम जोंग के तरकश में 60 परमाणु बम हैं लेकिन जानकार मानते हैं कि बीते दो साल में उसने तेजी से परमाणु बम बढ़ाए हैं और इनकी संख्या 100 के करीब हो सकती है.
किम ने डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर उत्तर कोरिया के विकास की कई योजनाएं बनाई थीं लेकिन उससे उत्तर कोरिया की तरक्की में कोई फर्क नहीं पड़ा. अब भी उत्तर कोरिया में लोग दाने- दाने को मोहताज हैं लेकिन खौफ के मारे कोई मुंह नहीं खोलता. लिहाजा सनकी किम फिर उन्हीं हथियारों की तरफ लौट आया है जिनके दम पर वो दुनिया को अपनी ताकत का दंभ दिखा सके.
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अब किम का एजेंडा हाइपरसोनिक हथियार बनाने, इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें और जासूसी सैटेलाइट डेवलप करने में है. किम की नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल 25 मीटर तक लंबी हो सकती है और ये दुश्मन पर 2 हजार से 35 सौ किलो तक का बम गिरा सकती है.
किम के कहर ढाने वाले ड्रोन
नागोरनो काराबाख की लड़ाई में ड्रोन की कामयाबी के बाद अब सनकी तानाशाह का ध्यान ऐसे ड्रोन बनाने पर गया है जो दुश्मन को तबाह कर सकें. इजरायल से मिले मानवरहित ड्रोन से अजरबैजान ने जंग में जमकर तबाही मचाई थी और आर्मीनिया की सेना को पीछे हटने को मजबूर कर दिया था.
किम जोंग दुनिया के बचे खुचे कुछ ही नेताओं में है जिसने अबतक बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी है लेकिन उनके शपथ ग्रहण के दौरान स्वागत का जो प्लान सनकी बादशाह ने बनाया है वो दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाने के लिए काफी है.
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सनकी किम की साउथ कोरिया को धमकी
सनकी किम ने अपने पड़ोसी मुल्क साउथ कोरिया को भी धमकी दी है. सनकी तानाशाह ने प्योंगयांग में कहा है कि अगर साउथ कोरिया ने अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास किया तो उसकी खैर नहीं. किम ने गीदड़भभकी देते हुए कहा कि साउथ कोरिया को अमेरिका से हथियार खरीदना बंद कर देना चाहिए. उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच एक साल से सीमाएं बंद हैं.
सनकी किम ने कोरोना से बचने के लिए सीमाएं बंद करने का ऐलान किया था लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव उस वक्त चरम पर पहुंच गया था जब उसने सितंबर में साउथ कोरिया के एक फिशरीज अफसर को मरवा दिया था जो गलती से समंदर की सीमा पारकर किम के इलाके में दाखिल हो गया था. किम की सनक ऐसी है कि जब दुनिया कोरोना के साये में जी रही थी तब वो पूर्वी सागर में कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का टेस्ट करने में जुटा था.
कई मिसाइलें तो जापान के ऊपर से होती हुईं समंदर में गिरी थीं. किम जोंग ने आखिरी परमाणु परीक्षण करीब तीन साल पहले 3 सितंबर 2017 को किया था जो इतना शक्तिशाली था कि चीन और रूस मे 6.3 रिक्टर स्केल का भूकंप महसूस किया गया था. ये सनकी बादशाह किम जोंग का छठा परमाणु परीक्षण था. माना जा रहा है कि 2017 में किया गया परमाणु परीक्षण एक हाइड्रोजन बम था. उत्तर कोरिया अबतक 6 परमाणु परीक्षण कर चुका है जिनमें पहला साल 2006 में और आखिरी साल 2017 में किया था लेकिन किम जोंग की चुनौती ऐसे परमाणु बम बनाने की है जिन्हें आसानी से मिसाइलों में लोडकर दागा जा सके.
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उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग (Pyongyang) के उत्तर में योंगब्योन के पास पहाड़ी इलाके में उत्तर कोरिया का परमाणु संयंत्र है और इसी पहाड़ी इलाके में यूरेनियम की कच्ची धातु के भंडार भी हैं जहां से परमाणु संयंत्रों को प्लूटोनियम की आपूर्ति होती है. अब किम का इरादा छोटे-छोटे परमाणु बम बनाने की है जिससे दुश्मन पर सटीक प्रहार किया जा सके. अमेरिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती सनकी तानाशाह के बढ़ते परमाणु जखीरे को रोकने की है. अब देखना है कि बाइडेन सनकी किम पर कैसे लगाम लगाते हैं.
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