नई दिल्लीः पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इन दिनों बवाल मचा हुआ है. वैसे तो इस देश में बवाल का होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार का मसला थोड़ा अलग है, जो मजेदार भी है और हैरान करने वाला भी. दरअसल, इन दिनों पाकिस्तान के कई जाने माने पत्रकार वहां की इमरान सरकार और मजबूत सेना के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हुए हैं.
लामबंद होकर पत्रकार सेना के दमन और उनके अत्याचार के कई किस्से बता रहे हैं. इस किस्से में एक नाम जो इन दिनों चर्चा में है वो है जनरल रानी का. वहीं जो किस्सा चर्चा में है वो है पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के मुखिया के कॉल गर्ल कांड का. तो आइए जानते हैं कि है क्या है कहानी और कैसे उठी ये चर्चा...
बात निकली तो दूर तलक गईः
कफील आजर अमरोहवी की एक गजल है...
''बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे कि तुम इतनी परेशां क्यूं हो
जगमगाते हुए लम्हों से गुरेज़ां क्यूं हो
उगलियां उट्ठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ़
इक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ़''...
ऐसी ही एक बात पाकिस्तान के जाने माने पत्रकार हामिद मीर के मुंह से पिछले दिनों उस वक्त निकल गई जब वो पाकिस्तान में पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमले के खिलाफ बोल रहे थे.
इस दौरान उन्होंने सेना को चेतावनी देते हुए कहा था कि हम आपके घर में तो नहीं घुस सकते लेकिन हम आपके घर के किस्से जरूर बता सकते हैं.
किसकी बीवी ने किसको क्यों गोली मारी ये बता सकते हैं. इसके पीछे किस जनरल रानी का हाथ है. ये भी बताएंगे. हामिद की इस बात का असर अब हो गया है.
उनकी बातों से सवाल दो तरह के उठ रहे हैं. पहला ये कि किसकी बीवी ने किसको गोली मारी. दूसरा ये कि आखिर जनरल रानी है कौन. तो आइए आपको बताते हैं दोनों की कहानी...
किसने किसको मारी गोली
दरअसल, हाल ही में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के चीफ (लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद) के घर गोली चली थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि उनकी पत्नी ने घर पर किसी कॉल-गर्ल को घर बुलाने पर गोली चलाई थी. उसी घटना का जिक्र हामिद मीर कर रहे हैं.
बताते हैं कि आईएसआई चीफ अपने फार्म हाउस पर किसी कॉल गर्ल के साथ थे. ये बात उनकी बीवी को कहीं से पता चल गई. वो वहां पहुंच गई और गोली चला दी. हालांकि, मामले को दबा लिया गया. क्योंकि पाकिस्तान में सेना के खिलाफ रिपोर्टिंग करना आसान नहीं है.
#generalrani (Aqleem Akhtar) had been a pivot influencing characters in setting-up military tactics in G.Yahya's tenure.@HamidMirPAK would U be only detecting the house tussles of them?Or their wrong policies/attempts for democracy breaches,abuse of power,death squads & so? pic.twitter.com/GBXGso15jj
— Arbaz Shah (@ArbazJour) May 29, 2021
अब ये जनरल रानी कौन है...
पत्रकार हामिद मीर की एक बात का जवाब तो मिल गया कि आखिर किसके घर गोली चली और क्यों चली. लेकिन एक कहानी अभी भी साफ होना बाकी है कि आखिर जनरल रानी कौन है. तो फिर गजल की लाइन पर आइए कि 'इक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ़'. जी हां, इस किरदार को समझने के लिए कुछ साल पीछे चलिए.
इससे पीछे जाने में दो चीजें साफ होंगी. एक इस किरदार की कहानी तो दूसरी पाकिस्तान में सेना के भ्रष्टाचार, अय्याशी और ताकत की तस्वीर.
दरअसल, जनरल रानी का असली नाम अकलीम अख्तर था, जो 1960 में जनरल रानी यानी की पाकिस्तान के जनरल की रानी के नाम से मशहूर हुईं. इस दौरान 1965 से लेकर 1971 यानी की भारत के साथ पाकिस्तान के युद्द के होने तक पाकिस्तान में जनरल रानी का दबदबा था. उन्हें मुल्क की सबसे ताकतवर महिला के रूप में जाना जाता था. यहां तक कि कई अधिकारी, नेता अपने काम की फरियाद जनरल रानी से ही लगवाते थे.
जनरल रानी पाकिस्तान के तानाशाह जनरल याह्या खान की करीबी थीं. बताते हैं कि अकलीम की शादी अपनी उम्र के दोगुने एक पुलिसवाले से हुई थी. उनके 6 बच्चे भी हुए. लेकिन एक दिन बुर्का पहनने को लेकर विवाद इस कदर बढ़ा कि अकलीम पति और बच्चों को छोड़कर चली गईं. ये वक्त था 1963 का.
इसके बाद अकलीम पाकिस्तान के बड़े बड़े शहरों में नाइटक्लब में जाने लगीं और उनकी दोस्ती उंचे ओहदों वालों से होने लगी.
इसी दौरान 1967 में याह्या खान की नजर अकलीम पर पड़ी और दोनों इश्क की गिरफ्त में आ गए. फिर क्या था इस नजदीकी का जलवा ऐसा हुआ कि याह्या और अकलीम दोनों की किस्मत बदल गई. जहां जनरल अय्यूब के इस्तीफे के बाद पाकिस्तान के नए मार्शल लॉ अधिकारी याह्या बने तो वहीं अकलीम अब जनरल रानी हो गईं. जनरल रानी का दबदबा इस कदर बढ़ता गया कि हर कोई उनसे सिफारिश लगाने लगा.
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अब समझिए कि विवाद क्या है
अब आपको ये बताते हैं कि इन दिनों आखिर पाकिस्तान में बवाल क्यों मचा हुआ है. हुआ यूं कि हाल ही में असद अली टूर नामक एक पत्रकार जो पाकिस्तानी टीवी चैनल 'आज टीवी' के एक लोकप्रिय कार्यक्रम के प्रोड्यूसर हैं और यूट्यूब पर "असद अली टूर अनसेंसर्ड" नाम से अपना चैनल भी चलाते हैं.
उनको कम से कम तीन अज्ञात बंदूकधारी मंगलवार रात इस्लामाबाद में उनके घर में घुस आए. हमलावरों ने अली का मुंह बंद कर दिया, हाथ-पांव बांध दिए, उन्हें मारा पीटा और फिर घायल छोड़ कर चले गए. अली का अभी एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.
ये सिलसिला नया नहीं है. पिछले कई सालों से पाकिस्तान की सेना और उसकी सरकार के अत्याचार के बारे में जिस किसी भी पत्रकार ने खबर करने की कोशिश की उसे या तो मार दिया जाता है या फिर उसे कई दिनों तक अगवा करके पीटा जाता है. लेकिन इमरान सरकार आने के बाद ऐसे मामले बढ़ गए हैं.
सोशल मीडिया पर कई वीडियो हैं जिसमें पत्रकार को दिनदहाड़े अगवा किया जाता है. लेकिन अब पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर जो खुद भी इस यातना का शिकार हो चुके हैं, उन जैसे लोगों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
ये पत्रकार अब खुलेआम सेना को चुनौती दे रहे हैं कि अगर उनके साथ कुछ गलत किया गया तो वो चुप नहीं बैठेंगे. इसी को लेकर पड़ोसी मुल्क में बवाल मचा हुआ है.
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