और भी कदम उठाने होंगे, सिर्फ लॉकडाउन काफी नहीं!

ये बात कही है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने.. हो सकता है ऐसा कह कर उसने अपने मुंह पर लगी संदेह की कालिख को पोतने की यह संगठन की कोशिश हो..क्योंकि सारी दुनिया में अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्वसनीयता ही सवालों के घेरे में है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 27, 2020, 01:17 AM IST
    1. 'लॉकडाउन' से खत्म नहीं होगा कोरोना का खतरा
    2. रोजाना के अपडेट में WHO ने दी चेतावनी
    3. ''लॉकडाउन के समय का सही उपयोग करें''
और भी कदम उठाने होंगे, सिर्फ लॉकडाउन काफी नहीं!

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उन सभी देशों को चेतावनी दी है जो कि 'लॉकडाउन' कर रहे हैं. इस वैश्विक संगठन ने इन देशों से कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन'  करने से दुनिया पर मंडरा रही महामारी का संकट समाप्त नहीं होगा, इस के लिए हमें और भी प्रयत्न करने होंगे.

'लॉकडाउन' से खत्म नहीं होगा कोरोना का खतरा

कोरोना ने दुनिया में आतंक मचा रखा है और इससे डर कर हर देश अपने अपने तरीके से इसके संक्रमण को रोकने की कोशिश में लगा है. ज्यादातर देशों में प्रदेश और शहरों को लॉकडाउन करना सर्वोत्तम विकल्प माना जा रहा है. लेकिन इसके उल्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने लॉकडाउन करने वाले देशों को चेताया है और कहा है कि कोविद -19 का मुकाबला करने के लिए  लॉकडाउन दुनिया से वायरस को मिटाने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे.

रोजाना के अपडेट में दी चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमित दैनिक अपडेट के माध्यम से संगठन के डायरेक्टर जनरल ने बताया, ''कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रसार की गति धीमी करने हेतु कई देशों ने 'लॉकडाउन' का उपाय अपनाया है. लेकिन यह प्रयास उनके हिसाब से कुछ कारगर तो हो सकता है किन्तु दुनिया से महामारी को खत्म नहीं कर सकेगा. हम आवाहन करते हैं कि सभी देश साथी आएं और योजनाबद्ध तरीके से कोरोनोवायरस पर हमला करें.

''लॉकडाउन के समय का सही उपयोग करें''

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जो सबसे महत्वपूर्ण बात कही वो ये थी कि  'लोगों को घर पर रहने के लिए कहना और उनके बाहर आनेजाने को रोक देने से वक्त हासिल होगा और इस कारण हेल्थ सिस्टम पर दबाव घटेगा... लेकिन अपने आप में इससे महामारी खत्म नहीं होगी. इसलिए इस समय का इस्तेमाल करके अवसर का दूसरा और सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

सबसे जरूरी कदम

सबसे जरूरी कदम की तरफ इशारा करते हुए डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि ''आइसोलेशन में रखे जा रहे लोगों को खोजना, आइसोलेट, परीक्षण और उनका इलाज करना सबसे अच्छा तरीक है जो हालात में सुधार के लिये काफी तेज तरीका भी है, लेकिन इसके अलावा और भी बड़े कदम सामाजिक और आर्थिक स्तर पर उठाने होंगे.''

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