नई दिल्ली. भारत-चीन सैन्य गतिरोध दुनिया में चीन के बढ़ते खतरे का स्पष्ट संकेत है और ये बात चीन भी समझ रहा है और चीन का हर पड़ौसी देश भी. किन्तु भारत के अतिरिक्त अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों ने चीन की नीयत को अच्छी तरह भांप लिया है और यदि अब चीन अपने जहरीले मन्सूबों पर आगे बढ़ता है तो उसको दुनिया के सशक्त विरोध से जूझना होगा.
ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा बजट बढ़ाया
चीन के खिलाफ भारत के साथ दुनिया के अधिकांश देशों का समर्धन है. अमेरिका तो सीधे ही चीन पर हमलावर दिख रहा है. भावी स्थितियों को ध्यान में रख कर ऑस्ट्रेलिया भी सजग हो गया है और उसने भारत-चीन सैन्य गतिरोध के इस गंभीर दौर में ऑस्ट्रेलिया ने अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर दी है.
प्रधानमन्त्री ने दिया स्पष्ट संदेश
ऑस्ट्रेलिया ने यदि रक्षा बजट बढ़ाया है तो उसने इसका कारण भी दुनिया को बताया है. ऑस्ट्रेलियाई के प्रधानमन्त्री स्कॉट मॉरीसन ने अपने इस कदम की आवश्यकता भी स्पष्ट कर दी. देश के नाम संदेश में ऑस्ट्रेलियन पीएम ने साफ-साफ कहा कि ऑस्ट्रेलिया को भविष्य के संभावित खतरों के प्रति सजग रहना होगा. चीन और अमेरिका के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा से सामरिक तनाव बहुत बढ़ सकता है.
ढाई सौ अरब डॉलर का है नया बजट
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने बताया कि हम आगामी दशक में देश की रक्षा क्षमताओं का आधुनिकीकरण करने जा रहे हैं जिसके लिये 270 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का निवेश किया जा रहा है. चीन को इसका कारण बताते हुए मॉरीसन ने कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन आक्रामक हो रहा है इसलिये ऑस्ट्रेलिया को हर तरह के हमले के लिये तैयार रहना होगा.
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