नई दिल्ली. वैसे सच तो ये है कि फर्क कोई नहीं पड़ने वाला है. मुस्लिम देशों का आर्गेनाइजेशन भी जानता है कि भारत में जितने सुरक्षित हैं मुस्लिम दुनिया में कहीं नहीं हैं. और अगर मुसलमानो की इतनी ही परवाह है इस अंतर्राष्ट्रीय मुस्लिम संगठन को तो उसे चीन का विरोध करने की हिम्मत दिखानी चाहिए जहां लाखों मुसलामानों को प्रताड़ित किया जा रहा है लेकिन दुनिया से कहीं कोई आवाज़ नहीं आ रही है.
ये केवल अरण्यरोदन है इस मुस्लिम संगठन का
भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थ व्यवस्था है. इस देश को नज़र अंदाज़ करके कोई मुल्क चलना नहीं चाहेगा वरना चलने में उसे तकलीफ पेश आ सकती है. रहा सवाल भारत में मुसलमानो के साथ भेदभाव का तो इस संगठन को मुसलमानों के प्रति अपनी चिंता करने का दिखावा कम से कम भारत के मामले में तो छोड़ ही देना चाहिए. भारत में मुस्लिम सुरक्षित भी हैं और खुश भी.
सऊदी अरब के ख़िलाफ़ जाने से भी कोई फर्क नहीं पड़ना है
सऊदी अरब के भारत से रिश्ते बहुत अच्छे हैं. और सच ये है कि केवल एक मुस्लिम देश पकिस्तान के अलावा किसी भी मुस्लिम देश से भारत के रिश्ते बुरे नहीं हैं. पकिस्तान के भड़काने में यह मुस्लिम संगठन तो आ गया है लेकिन कोई मुस्लिम देश भी भारत से रिश्ते बिगाड़ना चाहेगा यह बात व्यवहारिक नज़र नहीं आती.
पाकिस्तान ने कहा भारत का नया क़ानून मुस्लिम विरोधी है
पकिस्तान तो जाने कब से यही कहता आ रहा है कि भारत मुस्लिम विरोधी है. कश्मीर को ले कर भी वह शुरू से कुढ़ा हुआ है चाहे बात धारा तीन सौ सत्तर के दिनों की हो या उसके हटाए जाने के बाद की.
पाकिस्तान ने भड़काया मुस्लिम संगठन को
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने हाल के इस बयान में ये भी कहा कि ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी को भारत के मुस्लिम विरोधी नागरिकता क़ानून के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए. अपने प्रेस वक्तव्य में उन्होंने कहा कि कश्मीर में भी मुसलमानो के साथ जो हो रहा है वह मानवाधिकारों का उल्लंघन है.
अप्रेल में इस मुद्दे पर होगा मुस्लिम देशों का सम्मेलन
चूंकि ओआईसी इस्लामिक देशों का संगठन है और इसमें सऊदी अरब का दबदबा है इसलिए सऊदी अरब भी इस संगठन के समर्थन में ऊपरी तौर पर नज़र आता है. संगठन ने अप्रेल में इस मामले को लेकर मुस्लिम देशों का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की बात कही है.
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