Pakistan Lynching Case: श्रीलंकाई नागरिक की टूट चुकी थीं सारी हड्डियां, पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा दियावदना की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के बाद भीड़ ने उनके शव को आग लगा दी थी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 5, 2021, 06:34 PM IST
  • जबड़े की हड्डी टूटने से हुई नागरिक की मौत
  • 800 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ आतंकवाद का मामला
Pakistan Lynching Case: श्रीलंकाई नागरिक की टूट चुकी थीं सारी हड्डियां, पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा दियावदना की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की भयावह घटना के बाद, मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से जियो न्यूज की खबर में कहा गया है कि दियावदना के शरीर की लगभग सभी हड्डियां टूट गई थीं और शव 99 फीसदी जल गया था. 

जबड़े की हड्डी टूटने से हुई नागरिक की मौत

कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने शुक्रवार को एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और इसके महाप्रबंधक दियावदना (40) को ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला था. 

भीड़ ने इसके बाद उनके शव को आग लगा दी थी. जियो न्यूज की खबर के मुताबिक दियावदना की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खोपड़ी और जबड़े की हड्डी टूटना मौत का कारण बताया गया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक उनके महत्वपूर्ण अंग, यकृत, पेट तथा एक किडनी पर असर पड़ा, वहीं प्रताड़ना के निशान पूरे शरीर पर थे. रीढ़ की हड्डी तीन जगह से टूट चुकी थी. 

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि दियावदना का 99 फीसदी शरीर जल चुका था और पैर के एक पंजे की हड्डी को छोड़कर पूरे शरीर की हड्डियां टूट गई थीं. 

पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद दियावदना का शव लाहौर भेजा जाएगा जहां यह श्रीलंका के वाणिज्य दूतावास को सौंप दिया जाएगा. 

800 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ आतंकवाद का मामला

रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद शव विशेष विमान के जरिए श्रीलंका भेजा जाएगा. 

इस बीच, एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति दियावदना को बचाने का प्रयास करता दिखता है. 

दियावदना की मौत के बाद एक अन्य व्यक्ति शव को आग के हवाले नहीं करने की याचना करता दिखता है लेकिन गुस्साई भीड़ ने उसे भी एक तरफ कर दिया. 

पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ने के बाद इस घटना में 800 से अधिक लोगों के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. 

इसके अलावा गिरफ्तार किए गए 118 में से 13 प्रमुख संदिग्ध हैं. श्रीलंका की संसद, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस घटना की निंदा की और उम्मीद जताई कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएंगे और शेष श्रीलंकाई प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करेंगे. 

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