नई दिल्ली: दुनिया की आंखों में धूल झोंकना कोई पाकिस्तान से सीखे, आतंक के खिलाफ एक्शन के नाम पर पाकिस्तान दुनिया को जिस छलावे में फंसाना चाहता है. एक बार फिर उस छलावे की पोल खुल चुकी है. दुनिया में आतंकियों के सबसे बड़े हमदर्द पाकिस्तान का काला सच एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है.
आतंकियों की ढाल पाकिस्तान
पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 CPRF जवान शहीद हुए थे. इस आतंकी हमले के पीछे जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का दिमाग था. भारत ने मसूद अजहर और जैश के खिलाफ पाकिस्तान को सबूत भी सौंपे. लेकिन इमरान खान आतंकी मसूद अजहर के ढाल बनकर खड़े हैं.
इमरान खान ने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होने से बचाने की लाख कोशिश की लेकिन उनकी एक नहीं चली. संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया. मसूद को सलाखों के पीछे डालने की बजाए अब इमरान खान ने दुनिया की नज़रों से बचाने के लिए उसे कहीं छिपा दिया है.
कैसे मसूद अजहर की ढाल बना पाकिस्तान?
बीते साल मार्च में मसूद अजहर को हिरासत में लिए जाने का पाकिस्तान ने दिखावा किया था. हिरासत में होने के बावजूद मसूद अजहर सुरक्षा बलों के घेरे में रहकर आसानी से घूमता था. अंतर्राष्ट्रीय आतंकी मसूद अजहर को बचाने के लिए अब इमरान खान ने एक और चाल चली है. पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि आतंकी मसूद अजहर और उसका पूरा परिवार लापता है.
अंतर्राष्ट्रीय आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान में कहां है ये पाकिस्तान सरकार को भी नहीं पता है. दरअसल पाकिस्तान जानबूझकर मसूद को बचाने की कोशिश में है, क्योंकि अगर मसूद दुनिया की नजरों के सामने होगा, तो FATF ये सवाल करेगा कि आखिर मसूद अजहर के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. पाकिस्तान आतंकियों का कितना बड़ा हमदर्द है, इसका अंदाजा एक और घटना से लगाइए.
मलाला को गोली मारने वाले आतंकी को भगाया?
आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान का पूर्व प्रवक्ता और खूंखार आतंकवादी एहसानउल्लाह अहसान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की हिरासत से पिछले दिनों फरार हो गया. आतंकी एहसान ने 2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसफजई को गोली मारी थी. 2014 में पेशावर आर्मी स्कूल में आतंकी हमले में आतंकी एहसान का हाथ था. इतना खूंखार आतंकी पाकिस्तान की सुरक्षा से भाग गया या यूं कहें जानबूझकर भगा दिया गया.
पाकिस्तान को बैन से कोई नहीं बचा पाएगा?
पेरिस में FATF की बैठक शुरू हो गई है इसी बैठक में पाकिस्तान के भविष्य का फैसला होना है. पाकिस्तान पहले से ही FATF की ग्रे लिस्ट में है और ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा है. ब्लैक लिस्ट में जाने से बचने की छटपटाहट में पाकिस्तान ने दो खूंखार आतंकियों को ही छिपा दिया है.
वर्ष 1999
- मसूद अजहर ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया
1 जनवरी 2016
- जैश के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया
17 अगस्त 2016
- सुरक्षाबलों के 2 और पुलिस के 1 जवान की हत्या कर दी
18 सितंबर 2016
- उरी में जैश के आतंकियों का हमला, 18 जवान शहीद
14 फरवरी 2019
- पुलवामा में CRPF जवानों के काफिले पर आत्मघाती हमला
- जैश-ए-मोहम्मद के हमले में CRPF के 40 जवान शहीद
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क्या इससे बड़ा कोई और दूसरा झूठ हो सकता है जो पाकिस्तान ने बोला है. जाहिर है सवाल का जवाब नहीं में हैं, क्योंकि ज्यादा वक्त नहीं हुआ जब पाकिस्तान के ही विदेश मंत्री ने ON RECORD एक इंटरव्यू में टेलीविजन चैनल से कहा था की हां मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है. पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कोशिश कर रहा है और इसलिए वो झूठ पर झूठ बोल रहा है.
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