दुनिया के सामने पाकिस्तान का दिखावा, आतंकी हाफिज को मिली मामूली सजा

पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद पर दिखावा करने के लिये समय समय पर ऐसे कदम उठाता है जिससे वो खुद को बेकसूर साबित कर सके. कुख्यात आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की निचली अदालत ने अब जाकर सजा सुनाई है. अभी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू भी नहीं हुई.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 12, 2020, 04:54 PM IST
    • दुनिया के सामने पाकिस्तान का दिखावा
    • हाफिज पर कार्रवाई करने से डरती है इमरान सरकार
    • वैश्विक आतंकी पर भी रहम दिखाती हैं पाकिस्तानी अदालतें
दुनिया के सामने पाकिस्तान का दिखावा, आतंकी हाफिज को मिली मामूली सजा

दिल्ली: पूरी दुनिया में पाकिस्तान हमेशा ये कहता है कि वो खुद आतंकवाद से पीड़ित है. लेकिन सच्चाई ये है कि पाकिस्तान हमेशा आतंकवादियों को बचाने की कोशिश करता है. जिस आतंकी हाफिज सईद पर अमेरिका ने इनाम लगा रखा है और जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है, उसे अब जाकर पाकिस्तान की एक निचली अदालत ने सजा सुनाई है. जमात-उद-दावा के सरगना आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ आतंकी वित्तपोषण (टेरर फंडिंग) मामले में अदालत ने मामूली सजा सुनाई. कई मामलों में कुल मिलाकर हाफिज सईद को मात्र 10 साल की सजा हुई है.

लगातार चल रहा था फैसला

बता दें कि अदालत ने छह फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे के कुल 29 मामले दर्ज हैं. इससे पहले कोर्ट ने मंगलवार को हाफिज सईद की वह याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें छह मामलों की एकसाथ सुनवाई करने और फैसला सुनाने की मांग की थी. हाफिज सईद के सहयोगियों हाफिज अब्दुल सलाम बिन मोहम्मद, मोहम्मद अशरफ और प्रोफेसर जफर इकबाल को भी आतंकवाद विरोधी कानून 1997 के तहत गिरफ्तार किया गया  था. इस मामले में सरकार की तरफ से मुफ्ती अब्दुर रऊफ वाटो ने अपना पक्ष रखा और गवाहियां पेश कीं.

हाफिज पर कार्रवाई करने से डरती है इमरान सरकार

आपको बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार पाकिस्तानी फौज की कृपा से चल रही है और पाकिस्तानी फौज हमेशा आतंकियों को बचाती है और उन्हें पालती पोसती है. इस वजह से इमरान खान की भी हाफिज सईद पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं होती.

वैश्विक आतंकी पर भी रहम दिखाती हैं पाकिस्तानी अदालतें

जिस वैश्विक आतंकी को फांसी की सजा होनी चाहिये उस पर पाकिस्तान की सरकार और अदालतें हमेशा विनम्र रहती है. लाखों मासूमों की मौत का जिम्मेदार आतंकी फांसी के लायक होता है. उस बर्बर आतंकी को पाकिस्तान की निचली अदालत ने केवल 5 साल की सजा सुनाई. इस दोहरेपन से पता चलता है कि आतंकी मुल्क पाकिस्तान आतंकवाद पर कार्रवाई करने के नाम पर केवल दिखावा करता है. 

अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश ने हाफिज सईद के आवेदन पर गौर किया जिसमें उसने अपने खिलाफ आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के सभी मामलों को मिलाने और मुकदमा पूरा होने के बाद फैसला सुनाने की अपील की थी. जज ने आतंकी की मांग को ऐसे मान लिया जैसे आतंकी हाफिज जज का स्वामी हो.

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