नई दिल्ली: नेपाल में चीन की विस्तारवादी साज़िश का खुलासा हुआ है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल-चीन सीमा पर चीन की सेना ने घुसपैठ की है. नेपाल के हुम्ला क्षेत्र में चीन ने अतिक्रमण किया है. जो नेपाल के लिए किसी सदमे से कम नहीं है.
चीन के अतिक्रमण चरित्र पर बड़ी खबर
नेपाल की सीमा में PLA घुसी और 9 इमारतें बना ली. जी हां, ये सच है कि नेपाल की सीमा में घुसकर PLA ने 9 इमारतें बनाई. जानकारी तो ये भी है कि नेपाल के लोगों ने चीन के अतिक्रमण का विरोध किया है. नेपाल के लोग ट्विटर पर 'बैक ऑफ चाइना' मुहिम चला रहे हैं.
नेपाल बॉर्डर पर चीन की साज़िश
1. उत्तराखंड के नजदीक भारत-नेपाल सीमा पर चीन की चाल
2. नेपाल सीमा के पास चीन बना रहा है सैन्य ठिकाना - सूत्र
3. नेपाल के तिनकार लिपु दर्रे के पास देखी गई PLA की गतिविधि
4. भारत-नेपाल सीमा के नजदीक चीन की सेना कर रही है निर्माण कार्य
5. भारत-नेपाल सीमा के नजदीक चीन की सेना बना रही है छोटी इमारतें
उपर की तस्वीर को ध्यान से देखिए, जो चीन के अतिक्रमणकारी चरित्र का सबसे बड़ा सबूत है. नेपाल चीन की विस्तारवाद नीति में कैसे फंस चुका है उसकी ये तस्वीरें है. एक नहीं दो नहीं बल्कि 9 इमारतें वो भी नेपाल की सीमा में बना ली, यानी चीन ने नेपाल की जमीन हड़प ली है. चीन की सेना ने नेपाल की सीमा में घुसकर ये इमारतें बनाई है.
शी जिनिपिंग के इशारे पर नाचने वाले ओली को चीन ने एक बार फिर जोर का झटका दिया है. लेकिन चीन के उकसावे में फंस कर भारत का विरोध करने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री ओली की नींद अब तक नहीं खुली है.
चीन की करतूत पर नेपाल की जनता में रोष
सूत्रों के मुताबिक, नेपाल-चीन सीमा पर चीन की सेना ने घुसपैठ की है. नेपाल के हुम्ला में चीन ने अतिक्रमण किया और सीमा में घुसकर PLA ने यहां 9 इमारतें बनाई. सूत्रों के मुताबिक नेपाल के अधिकारियों ने जब हुम्ला इलाके में मुआयना किया तो उन्हें चीन की सेना की 9 इमारतें वहां नजर आईं. चीन की इस हरकत पर नेपाली पीएम तो चुप हैं लेकिन नेपाल की जनता में रोष दिख रहा है.
चीन नेपाल को मोहरा बना कर भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है. चीन अपने विस्तारवाद के जाल में भारत को फंसाना चाहता है. लेकिन चीन की हर चाल पर भारत की नजर है. भारत चीन के अतिक्रमण और विस्तारवाद का मुंहतोड़ जवाब देना जानता है.
अब आपको बताते हैं की आखिर नेपाल कैसे चीन की चाल में फंस गया.
सबसे पहले चीन ने नेपाल को आर्थिक गुलाम बनाया उसे भारी कर्ज दिया. कई योजनाओं में निवेश कर के नेपाल को झुकने को मजबूर किया. उसके बाद चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काया. ओली के कंधे पर रखकर गोली चलाई. नेपाल भारत के खिलाफ जहर उगलने लगा. इसमें सबसे बड़ी भूमिका चीन की राजदूत पाल होउ यांकी जो नेपाल में काफी सक्रिय हैं और बेरोक-टोक नेपाल के नेताओं से मुलाकात करती हैं. भारत के साथ काठमांडू के सीमा विवाद में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी. माना जाता है कि नेपाल से नक्शा विवाद के पीछे भी चीन की होउ यांकी का हाथ था.
नेपाल, चीन की विस्तारवादी रणनीति का शिकार हो चुका है. चीन नेपाल की जमीन हड़प कर भारत के खिलाफ नया मोर्चा खोलना चाहता है लेकिन चीन को ये नहीं भूलना चाहिए कि ये नया हिंदुस्तान है दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देता है.
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