नई दिल्ली: चालबाज चीन की नापाक करतूत थमने का नाम नहीं ले रही है. कब्जे की नीति को अपना हथियार बनाने वाले चालबाज ची ने अब भूटान में अपनी नजर गड़ाई है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार चीन ने भूटान की सीमा पर जमीन भी कब्जा की है.
'भू-माफिया' चीन का चरित्र बेनकाब
लद्दाख में भारत के पराक्रम के आगे चीन पस्त हुआ तो अब भूटान में चीन ने नई चाल चली है. चीन अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को भूटान की सीमा पर तैनात कर रहा है. जानकारी के मुताबिक चीन भूटान की सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती तो कर ही रहा है. यहां पर बड़ी तादाद में हथियार भी जमा कर रहा है. लेकिन चीन की मंशा सिर्फ इतनी सी ही नहीं है. चीन दबे छिपे भूटान की जमीन पर भी कब्जा कर रहा है.
डोकलाम के बाद चीन की साज़िश
सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के बाद से ही चीन ने भूटान सरहद पर सड़क और हेलीपैड बनाने का काम शुरू कर दिया. बड़ी तादाद में ट्रूप्स की तैनाती भी बढ़ाई. और बताया जा रहा है कि चीन ने पश्चिमी भूटान के पांच इलाकों में घुसपैठ कर ली है. इतना ही नहीं चीन ने चीन ने नई सीमा पर भी दावा किया है जो भूटान में 40 किलोमीटर भीतर तक है.
भूटान में चीन ने कब्जाई ज़मीन?
जाहिर है, शी जिनपिंग का विस्तारवाद अब भूटान को निगल लेने की साजिश कर रहा है. जानकारों के मुताबिक चीन की ये चाल भारत के लिए एक चुनौती की तरह है. इसकी वजह साफ है, भूटान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र में है. ये देश पश्चिम बंगाल की सिलीगुड़ी कॉरिडोर के करीब है. और भूटान की सीमा भारत से मिलती है.
अहम बात ये कि भूटान की ओर से चीन के साथ कोई भी समझौता भारतीय सुरक्षा पर बुरा प्रभाव डाल सकता है. अभी हाल ही में चीन और भारत के बीच अहम बैठक हुई. इसमें भारत ने चीन से दो टूक कह दिया कि सीमा से जुड़े मुद्दे पर समझौते का सवाल ही नहीं है. चीन ने भी माना कि एनएसी पर हालात किसी के हित में नहीं है. लेकिन चीन अपनी फितरत से बाज नहीं आने वाला. उसे करारा जवाब देना होगा.
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