नई दिल्ली. रूस की ये पनडुब्बी आज से नहीं बल्कि पिछले पचास सालों से दुनिया में सबसे घातक समुद्री हथियार के रूप में जानी जाती है. यद्यपि आज दुनिया की ये सबसे विशाल पनडुब्बी कितनी शक्तिशाली है इस बात को लेकर विशेषज्ञ एकमत नहीं हैं. फिर भी सभी का मानना है कि यदि इस पनडुब्बी को उसकी क्षमता के हिसाब से हथियारों से लैस किया जाए तो आज भी ये रूसी हथियार पानी में बहुत खतरनाक है..
नाम टाइफून काम जल्लादी
रूस की इस महा-शक्तिशाली पनडुब्बी को जाना जाता है टाइफून के नाम से. टाइफून की दो खासियतें सारी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. एक तो यह सबसे घातक समुद्री हथियार है जो रूस के पास है और दूसरी बात ये कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बी है.
इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है
हथियारों के विशेषज्ञ और खासकर यूरोप और अमेरिका के इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट्स का मानना है कि टाइफून मिलिटरी इंजिनयरिंग का एक बहुत ही बेहतरीन नमूना है. किन्तु इसके उलट ओपन सोर्स एनालिस्ट इसकी मारक क्षमता पर सवाल खड़े करते हैं. रूस में बनी हुई आखिरी टाइफून TK-2018 दिमित्री दोन्स्की की युद्धक क्षमता और युद्ध सामग्री ले कर चलने की कुल क्षमता पर ये अस्त्र विश्लेषक संदेह जाहिर कर रहे हैं.
फ़ोर्ब्स की रिपोर्ट ने कही बीच की बात
टाइफून पर फोर्ब्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमे हथियार विशेषज्ञ एचआई सटन ने अपरोक्ष रूप से इस पनडुब्बी की ताकत को ऐसे समझाया है कि टाइफून अगर बैलिस्टिक मिसाइलों से पूरी तरह लैस है तो निस्संदेह यह पनडुब्बी किसी भी देश को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है. दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि टाइफून की मारक क्षमता उसके द्वारा ले जाए जा रही मिसाइलों पर निर्भर करती है.