Russia-Ukraine war, Africa involvement updates: विद्रोही लड़ाके रेतीले इलाके में आगे बढ़ रहे हैं, उनके जूते नीचे गिरे हुए रूसियों के भयावह दृश्य को कुचल रहे हैं. यह एक वीडियो में देखा गया था, जिसके अंत में एक व्यक्ति अपनी जान की भीख मांगता हुआ दिखाई देता है. यह दृश्य रूस-यूक्रेन युद्ध का नहीं है. यह उस युद्ध का है जिसमें केवल रूसी ही पीड़ित हैं. यह मामला अफ्रीका के उत्तरी माली का है, जहां 50 रूसी भाड़े के सैनिक मारे गए हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध अब अफ्रीका तक पहुंच गया है. एक विद्रोही समूह ने पश्चिम अफ्रीका में माली सरकार की मदद करने वाले रूसी अर्धसैनिक बलों के साथ लड़ाई की. वहीं, रिपोर्ट्स कहती हैं कि यूक्रेन द्वारा माली विद्रोही समूह को रूसी भाड़े के सैनिकों के बारे में जानकारी दी गई थी, जिस कारण उन्हें मार दिया गया. वैगनर समूह के 50 रूसी सैनिकों की मौत रूस-यूक्रेन युद्ध के मैदान के बाहर हाल के दिनों में सबसे अधिक है.
बड़ी बात ये कि विद्रोही पकड़े गए 15 रूसियों को यूक्रेन को सौंपने की योजना बना रहे हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, वैगनर समूह के रूसी भाड़े के सैनिक पिछले सप्ताह माली सरकार के सैनिकों के साथ गश्त पर थे, तभी उनको मार गिराया गया. वे उस क्षेत्र के पास गश्त पर थे, जहां लंबे समय से केवल जिहादी और तुआरेग विद्रोही समूह ही सक्रिय रहे हैं.
रूस की क्या ये नई लड़ाई है?
माली कई वर्षों से इस्लामवादी विद्रोह से जूझ रहा है. वैगनर ग्रुप, अफ्रीका में सक्रिय एक निजी रूसी अर्धसैनिक समूह है. यह उस समूह का हिस्सा है जिसे रूस अब अफ्रीकी कोर कहता है. बताया गया कि उन्होंने लड़ाकू विद्रोहियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. इस ग्रुप द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है, लेकिन इसके नेता येवगेनी प्रिगोझिन की मृत्यु के बाद इसके भविष्य पर सवाल उठने लगे थे. वह पिछले अगस्त में मारे गए थे.
वैगनर समूह से संबंधित एक रूसी हेलीकॉप्टर भी युद्ध में नष्ट हो गया, साथ ही टैंकरों और ट्रकों को भी जब्त कर लिया गया. यूके के टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रे जोन वैगनर टेलीग्राम चैनल के संपादक और मालिक निकिता फेडयानिन भी माली में हुए हमले में मारे गए. फेडयानिन ने अपने अंतिम संदेश के रूप में तस्वीरें पोस्ट की थीं. इसमें भारी हथियारों से लैस वैगनर लड़ाके एक जलते हुए पेड़ के पास खड़े थे.
किसनी ली जिम्मेदारी?
साहेल क्षेत्र में एक तुआरेग विद्रोही समूह और अल-कायदा से संबद्ध, JNIM (जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन) ने रूसियों के खिलाफ हमले की शुरुआत करने की जिम्मेदारी ली है.
JNIM का दावा है कि करीब 50 रूसी और माली सैनिक मारे गए हैं. क्षेत्र में दर्जनों शवों को दिखाते हुए वीडियो भी जारी किए गए हैं. तुआरेग उग्रवादी समूह के प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया कि कैसे माली सैनिकों और रूसी लड़ाकों को लड़ाई के दौरान बंधक बना लिया गया है. अनौपचारिक रूसी टेलीग्राम चैनलों के अनुसार, लगभग 80 रूसी मारे गए. इस क्षेत्र में रूसी अर्धसैनिक बलों के लिए सबसे बड़ा नुकसान है.
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