China पर भारी पड़ सकता है ताइवान, सबसे ज्यादा हैं मिसाइलें

चीन से न हारने के लिए जो दो सबसे जरूरी चीज़ें हैं, वो दोनों ही ताइवान के पास हैं - एक अस्त्र-शस्त्र दूसरा आत्मविश्वास..  

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Oct 13, 2020, 09:50 PM IST
    • अभेद दुर्ग में बदल रहा है ताइवान
    • ताइवान के पास सबसे ज्यादा मिसाइल
    • अपनी मिसाइलों का भी है जखीरा
China पर भारी पड़ सकता है ताइवान, सबसे ज्यादा हैं मिसाइलें

नई दिल्ली.   चीन इस बात को अच्छी तरह समझ गया है कि ताइवान को दबाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. चीन की मजबूरी सब जगह एक जैसी है चाहे भारत का मामला हो या फिर  ताइवान का, चीन धमकी तो दे सकता है युद्ध नहीं कर सकता और इसकी तीन वजहें हैं - एक तो ये कि उसके ये दोनों दुश्मन कमजोर नहीं हैं, दूसरा कि ये अकेले  भी नहीं हैं और तीसरी सबसे अहम बात ये है कि चीन को अपनी भाड़े की सेना पर यकीन नहीं है. युद्ध चीन की सैनिक ताकत की पोल खोल सकता है जिससे चीन की सामरिक छवि पर बट्टा लग सकता है.   

अभेद दुर्ग में बदल रहा है ताइवान 

अमेरिका जो हथियार ताइवान को दे रहा है वो उसे एक अभेद दुर्ग में बदलने की शक्ति रखते हैं. अमेरिका उसे  निगरानी करने में हथियारों से लैस ड्रोन और राकेट दे रहा है, चीन समुद्र के रास्‍ते ताइवान पर हमला न कर सके इसके लिए उसे बारुदी सुरंगें और अत्‍याधुनिक मिसाइल डिफेंस स‍िस्‍टम भी दे रहा है. ये अमेरिकी सुरंगे चीनी पनडुब्बियों को ध्वस्त करने की क्षमता रखती हैं. इतना ही नहीं, ट्रक पर आधारित रॉकेट लॉन्‍चर, अत्‍याधुनिक एंटी टैंक मिसाइल भी वह ताइवान को देने जा रहा है. ताइवानी तटीय इलाके की हिफाजत हेतु अमेरिका उसे हार्पून एंटी शिप मिसाइल भी दे रहा है और इसके अतिरिक्त अमेरिका के घातक अत्‍याधुनिक एफ-16 फाइटर जेट भी ताइवान को मिल रहे हैं.

ताइवान के पास सबसे ज्यादा मिसाइल

 क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो ताइवान के पास दुनिया में सबसे अधिक मिसाइलें हैं. यद्यपि ताइवान ने अपनी मिसाइलों की संख्या कभी बताई नहीं है किन्तु ताइपे का चाइना टाइम्स के अनुसार ताइवान के पास कुल छह हज़ार से ज्यादा मिसाइलें हैं. चूंकि मिसाइलों की कीमत लाखों और करोड़ों में होती है, ज्यादातर देशों में फौजें पारंपरिक बमों का ही उपयोग अधिक करती हैं. 

अपनी मिसाइलों का भी है जखीरा

ताइवान है तो छोटा देश जिसकी जनसंख्या चीन के मुकाबले बहत्तर गुनी कम है किन्तु इस देश ने चीन के खतरे को समय पर भांप कर न केवल अमेरिका से ढेरों मिसाइलें खरीदी हैं अपितु अपने देश में भी खुद की मिसाइलों का निर्माण किया है. ताइवान की ये स्वदेशी मिसाइलें हवा से हवा में, हवा से सतह पर और सतह से हवा में मार करने की क्षमता रखती हैं. ताइवानी मिसाइलें ही इस देश की वो घातक शक्ति है जिससे चीनी सेना भी आतंकित है और अभी तक हमला करने का दम नहीं दिखा पाई है.

 

ट्रेंडिंग न्यूज़