नई दिल्लीः तालिबान के विशेष बलों ने शनिवार को हवा में गोलीबारी की जिससे नये शासकों से समान अधिकारों की मांग कर रहीं अफगान महिलाओं द्वारा राजधानी में निकाला जा रहा विरोध मार्च अचानक से रोक दिया गया. तालिबान लड़ाकों ने पिछले महीने अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया था और उन्होंने 20 साल तक संघर्ष के बाद अमेरिकी बलों की यहां से पूरी तरह वापसी का जश्न मनाया.
महिलाएं कर रही थीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन
काबुल में पिछले कुछ दिन में दूसरी बार महिलाओं के मार्च की शांतिपूर्ण तरीके से शुरुआत हुई थी. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पैलेस की ओर मार्च करने से पहले अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के बाहर उन अफगान जवानों को श्रद्धांजलि दी जो तालिबान से लड़ते हुए मारे गये.
क्या कह रही थी महिलाएं
प्रदर्शनकारी मरियम नैबी ने कहा, ‘‘हम यहां अफगानिस्तान में मानवाधिकार हासिल करने आये हैं. मैं अपने वतन से मुहब्बत करती हूं. मैं हमेशा यहीं रहूंगी.’’ जैसे ही प्रदर्शनकारी महिलाएं राष्ट्रपति पैलेस तक पहुंचीं, एक दर्जन तालिबान लड़ाके भीड़ में घुस आए और हवा में गोलीबारी करने लगे जिससे महिलाओं में अफरा-तफरी मच गयी. कबीरी नाम की महिला ने बताया कि तालिबान लड़ाकों ने आंसूगैस के गोले भी छोड़े.
तालिबान ने 1996 से 2001 तक अपने पिछले शासन की तुलना में इस बार अधिक नरम इस्लामी शासन और समावेशी सरकार का वादा किया है. लेकिन अधिकतर अफगानों, खासकर महिलाओं को इस बात का संशय और आशंका है कि पिछले दो दशक में उन्हें जो हक मिले हैं, वे खत्म हो जाएंगे.
अफगान मुद्दे पर कतर, जर्मनी का दौरा करेंगे ब्लिंकन
अमेरिका के मंत्री ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा कि रविवार को, मैं दोहा की यात्रा करूंगा, जहां मैं कतर के नेताओं से मिलूंगा और उन सभी के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करूंगा जो वे निकासी के प्रयास का समर्थन कर रहे हैं. जर्मनी में, ब्लिंकन अपने जर्मन समकक्ष हेइको मास से मिलेंगे और 20 से अधिक देशों के साथ अफगानिस्तान पर एक मंत्रिस्तरीय बैठक करेंगे, जिसमें अफगानों को स्थानांतरित करने और बसाने में `हिस्सेदारी है`.
ब्लिंकन ने इस सप्ताह की शुरूआत में कहा था कि अमेरिका ने काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति को निलंबित कर दिया है, लेकिन अफगानिस्तान के साथ दोहा, कतर से कूटनीति का प्रबंधन करेगा. उन्होंने शुक्रवार को ब्रीफिंग में कहा, "दोहा में हमारी नई टीम तैयार है और चल रही है.
वाशिंगटन ने सोमवार को अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की जल्दबाजी और अराजक वापसी को पूरा करने की घोषणा की, जिससे एशियाई देश में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण के 20 साल समाप्त हो गए.
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