नई दिल्ली. कुल 53 देशों के सदस्यों वाले इस संगठन की बाकायदा शुरुआत हो गई है जिसमे भारत को भी शामिल किया गया है. संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में भारत सहित तिरपन देशों द्वारा समर्थित यह यह संधि लागू कर दी गई है जिसका नाम है सिंगापुर कन्वेंशन ऑन मीडिएशन संधि.
विवादों का निपटान है काम
संयुक्त राष्ट्र की सिंगापुर कन्वेंशन ऑन मीडिएशन के नाम से जानी जाने वाली इस संधि का प्रमुख उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विवादों को निपटाना है. यूनाइटेड नेशंस की इस महत्वपूर्ण संधि पर सभी सदस्य देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. यह संधि मध्यस्थ के रूप में भारत और दूसरे देशों के पारस्परिक व्यावसायिक तथा बड़े कॉरपोरेट विवादों के समाधान के लिए असरदार तरीके से काम करती है.
कन्वेन्शन ने जारी किया बयान
यूनाइटेड नेशंस ने इस संधि को लेकर बयान जारी किया है जिसके मुताबिक़ शनिवार 12 सितंबर से लागू हुआ यह कन्वेंशन, भारत के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहित करेगा. इस वैश्विक संगठन के सभी सदस्य देश इस माह के प्रथम सप्ताह तक इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं जिनमें भारत के अतिरिक्त सिंगापुर, फिजी, कतर, सउदी अरब और बेलारूस भी शामिल हो गए हैं. आने वाले दिनों में इक्वाडोर भी इसका सदस्य बनने वाला है.
समाधान के लिए आवेदन करना होगा
कन्वेंशन के लागू होने के साथ ही अब सभी सदस्य देशों को अपने सीमा पार व्यवसाय से जुड़े विवादों के समाधान हेतु सीधे ही आवेदन करनी की सुविधा दी गई है. सिंगापुर संधि के अंतर्गत सरल, सामंजस्यपूर्ण और असरदार ढंग से विवाद के समाधान के लिए तंत्र का निर्माण किया गया है जो कि कोरोना महामारी जैसे अनिश्चितता के दौर में व्यवसायों के हित के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा.
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