नई दिल्लीः Chabahar Port Deal: भारत ने ईरान के चाबहार स्थित शाहिद बेहश्ती बंदरगाह टर्मिनल को 10 साल के लिए लीज पर ले लिया है. इसे लेकर सोमवार को दोनों देशों के बीच डील पर साइन हुए. इस बंदरगाह को भारत और ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं. इससे भारत को मध्य एशिया के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी. लेकिन इस डील से अमेरिका नाखुश दिख रहा है. उसने एक तरह से चेतावनी दी है.
ईरान पर जारी रहेंगे अमेरिकी प्रतिबंध
अमेरिका ने कहा, ईरान के साथ व्यापारिक सौदों पर विचार करने वाले किसी भी देश को प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में पता होना चाहिए. डील को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, 'हमें भारत-ईरान के बीच हुए समझौते की जानकारी है. मैं भारत सरकार को चाबहार पोर्ट के साथ-साथ अपने द्विपक्षीय संबंध में अपनी विदेश नीति के बारे में बताना चाहता हूं. जो कोई भी ईरान के साथ व्यापार समझौता करता है उन्हें उन पर लगाए जा सकने वाले संभावित जोखिमों और प्रतिबंधों के बारे में पता होना चाहिए. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और हम उन्हें लागू करना जारी रखेंगे.'
जयशंकर बोले- अधिक निवेश करेगा भारत
वहीं डील के बाद सोमवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी बयान सामने आया था. उन्होंने कहा, डील पर साइन होने के बाद निश्चित रूप से चाबहार बंदरगाह में अधिक निवेश और जुड़ाव देखने को मिलेगा. बंदरगाह भारत और मध्य एशिया को बेहतर ढंग से जोड़ने में मदद करेगा.
चाबहार हमें मध्य एशिया से जोड़ेगाः विदेश मंत्री
जयशंकर ने कहा, ‘अभी बंदरगाह विकसित नहीं हुआ है. यदि दीर्घकालिक समझौता नहीं हो तो बंदरगाह में निवेश करना मुश्किल है. इसलिए पूरी उम्मीद है कि चाबहार का वह हिस्सा जिसमें हम शामिल हैं, निश्चित रूप से अधिक निवेश दिखेगा. इससे उस बंदरगाह से जुड़ाव और बढ़ेगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि आज कनेक्टिविटी उस हिस्से में एक बड़ा मुद्दा है. चाबहार हमें मध्य एशिया से जोड़ेगा.’
बता दें कि यह पहला मौका है जब भारत विदेश में स्थित किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा.
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