Explainer: क्या है कॉग्निटिव टेस्ट, बाइडन पर इसे कराने का दबाव क्यों?

What is Cognitive Test: अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन से लोग कॉग्निटिव टेस्ट कराने की मांग कर रहे हैं. लेकिन बाइडन ने इस मांग पर सहमति व्यक्त नहीं की है. जबकि ट्रंप ने ये टेस्ट करवा लिया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 11, 2024, 01:30 PM IST
  • ट्रंप ने ये टेस्ट करवाया
  • कहा- मेरा स्कोर अच्छा रहा
Explainer: क्या है कॉग्निटिव टेस्ट, बाइडन पर इसे कराने का दबाव क्यों?

नई दिल्ली: What is Cognitive Test: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मानसिक स्थिति पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. बीते महीने हुई राष्ट्रपति चुनाव की डिबेट के बाद से ही बाइडन का कॉग्निटिव टेस्ट कराने की मांग उठ रही है. लेकिन बाइडन ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया. आइए, जानते हैं कि ये टेस्ट क्या है, इससे क्या पता चलता है?

क्या है कॉग्निटिव टेस्ट?
कॉग्निटिव टेस्ट से इस बात का पता चलता है कि इंसान का दिमाग अच्छे से काम कर रहा है या नहीं. हालांकि, इस टेस्ट में किसी बीमारी का पता नहीं चलता. टेस्ट में ये स्पष्ट हो जाता है कि उस व्यक्ति को ब्रेन टेस्ट कराना चाहिए या नहीं. इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर कुछ सवाल पूछते हैं, उनके जवाब के आधार पर ही कॉग्निटिव स्कोर तय किया जाता है. डॉक्टर पता लगाते है कि व्यक्ति की मेमोरी कितनी तेज है. वह जानकारी को कितनी तेजी से प्रोसेस कर पाता है. 

टेस्ट में अच्छा स्कोर स्वस्थ दिमाग की गारंटी नहीं
Cleveland Clinic की एक रिपोर्ट की मानें तो अच्छा स्कोर ये नहीं कहता कि आपको मेंटल हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या नहीं है. मेंटल एक्सपर्ट्स भी यही मानते हैं कि किसी एक ब्रेन टेस्ट के जरिये इंसान के दिमाग के स्वस्थ होने का पूरा आकलन नहीं हो सकता. कुछ लोग इसे इसलिए भी कराते हैं ताकि डिमेंशिया और Cognitive Impairment का अंतर पता कर सकें

ट्रंप का दावा- कॉग्निटिव टेस्ट में मेरा स्कोर अच्छा
दरअसल, जो बाइडन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. इसके बावजूद, वे एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख उम्मीदवार हैं. उनका मुकाबला रिपबल्किन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप से है. ट्रंप ने दावा किया कि मैंने अपना कॉग्निटिव टेस्ट कराया था, मेरा स्कोर अच्छा रहा. 

बाइडन की मेंटल हेल्थ पर कैसे उठे सवाल? 
अमेरिका के कई मेंटल एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स ने कहा है कि तरह बाइडन डिबेट में बोलते-बोलते रुक गए, उनका चेहरा एक्सप्रेशनलेस था. वे कई वाक्य भी स्पष्ट रूप से नहीं बोल पा रहे थे. इसलिए जरूरी है कि वे कॉग्निटिव टेस्ट कराएं और अपना स्कोर अमेरिका के वोटर्स के साथ शेयर करें.

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