नई दिल्ली: आज धरती पर इंसानों की संख्या 8 अरब से भी ज्यादा हो गई है. जंगल धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं और इंसान अपना विस्तार करते जा रहे हैं. लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब धरती मनुष्य विलुप्त होने की कगार पर आ गए थे. उस दौरान पूरी पृथ्वी पर केवल 1280 लोग ही बचे थे, जो प्रजनन कर सकते थे. यह दावा ईस्ट चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा एक रिसर्च में किया गया है.
9 लाख साल पहले हुई यह घटना
रिसर्च में बताया गया है कि आज से करीब 9 लाख साल पहले धरती पर शीतकाल का दौर जारी था. इसे मिड प्लीस्टोसीन युग भी कहा जाता है. यह दौर करीब एक लाख साल से ज्यादा रहा. इस दौरान मानव जाति पर ऐसा कहर बरपा कि उनकी 99 फीसदी आबादी खत्म हो गई. केवल 1280 लोग ही जिंदा बचे थे, जिनमें प्रजनन की क्षमता थी. भविष्य में इन्हीं लोगों की वजह से इंसानी आबादी बच पाई, अन्यथा आज धरती पर मानव जाति का नामो निशान नहीं होता.
कई लोगों के डीएनए को स्टडी किया
चीन की ईस्ट चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिससे जीन वंशावली की स्टडी हो सकती है. यह मॉडल आबादी को मापने का काम भी करता है. चीनी वैज्ञानिकों ने अफ्रीकी और गैर-अफ्रीकी आबादी के 3,154 लोगों के डीएनए की स्टडी की. इसी के नतीजे में खुलासा हुआ कि धरती पर 1280 लोग ही बचे थे.
आखिर कैसे बचे ये लोग
स्टडी से जुड़े यी-सुआन पान ने बताते हैं कि मॉडल से प्राप्त हुए नतीजों की वजह से कई सारे सवाल उठते हैं. जैसे शीतकाल के दौरान भी ये 1280 लोग कैसे बचे, कहां रहे. आज भले इंसानी दिमाग विकसित हो गया है, लेकिन तब ऐसा नहीं था. इसलिए यह शोध का विषय है कि उन लोगों ने अपने आप को कैसे बचाकर रखा.
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