नई दिल्ली: पूरी दुनिया में इस समय कोरोना का कहर है. लगभग सभी देश चीनी वायरस की चपेट में हैं. चीनी वायरस कोरोना हर रोज हजारों लोगों की जान ले रहा है. इस बीच सभी को इसकी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि उन्होंने इसका पहला टीका अपनी बेटी को लगवाया है.
वैक्सीन की प्री क्वालिफिकेशन जरूरी
यूनाइटेड नेशंस की इस हेल्थ एजेंसी के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने कहा कि किसी भी वैक्सीन की प्री-क्वालिफिकेशन में जरूरत के सभी सुरक्षा औऱ क्षमता डाटा की कठोर समीक्षा और मूल्यांकन शामिल है. इस वैक्सीन को रूस की गमेल्या रिसर्च इंस्टीट्यूट ने देश की डिफेंस फोर्स के साथ मिलकर तैयार किया है.
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उन्होंने कहा कि हर देश मे एक नियामक संस्था होती है, जो उसके क्षेत्र में किसी भी वैक्सीन और दवाई के इस्तेमाल को इजाजत देती है.
तीसरे फेज का ट्रायल होगा शुरू
उल्लेखनीय है कि वैक्सीन प्रोजेक्ट को फाइनांस करने वाले रूसी डायरेक्टर इंवेस्टमेंट फंड के मुखिया किरिल दमित्रिव ने बताया कि फेज 3 का ट्रायल बुधवार से शुरू हो जाएगा और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन अगले महीने से शुरू होगा.
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आपको बता दें कि WHO ने वैक्सीन ही नहीं दवाइयों के लिए भी एक प्री-क्वालिफिकेशन की प्रक्रिया बनाई है. दवाई और वैक्सीन निर्माताओं से WHO की प्री-क्वालिफिकेशन लेने के लिए इसलिए कहा जाता है क्योंकि एक तरह से ये गुणवत्ता की मुहर है.