नहीं पता कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट कितना खतरनाक, न लगाएं ट्रैवल बैनः WHO

WHO ने कहा, कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट की गंभीरता का स्तर समझने में कई दिनों से लेकर कई सप्ताह तक का समय लगेगा.’   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 29, 2021, 09:47 AM IST
  • दक्षिण अफ्रीका में मिला है कोरोना का नया वेरिएंट
  • ओमीक्रोन मिलने के बाद डर के साये में हैं कई देश
नहीं पता कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट कितना खतरनाक, न लगाएं ट्रैवल बैनः WHO

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा: पूरी दुनिया को एक बार फिर चिंता में डालने वाला कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन बाकी वेरिएंट के मुकाबले कितना संक्रामक है, इस बारे में अभी स्पष्टता नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि अभी यह ‘स्पष्ट नहीं है’ कि क्या ओमीक्रोन, डेल्टा वेरिएंट समेत अन्य की तुलना में अधिक संक्रामक है और क्या यह अपेक्षाकृत अधिक गंभीर बीमारी का कारण है. 

‘ओमीक्रोन वेरिएंट को समझने में लगेगा वक्त’
WHO ने कहा, ‘इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जो यह बताती हो कि ओमीक्रोन से जुड़े लक्षण अन्य स्वरूपों की तुलना में अलग हैं. ओमीक्रोन स्वरूप की गंभीरता का स्तर समझने में कई दिनों से लेकर कई सप्ताह तक का समय लगेगा.’ 

डब्ल्यूएचओ ने रविवार को दुनिया भर के अन्य देशों से अपील की कि वे ओमीक्रोन को लेकर चिंता के कारण दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं लगाएं. अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने देशों से यात्रा प्रतिबंधों से बचने के लिए विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने का आह्वान किया. 

‘प्रतिबंधों से आजीविका पर पड़ता है प्रभाव’
उन्होंने कहा, यात्रा प्रतिबंध कोविड-19 के संक्रमण को थोड़ा कम करने में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इससे लोगों के जीवन और आजीविका पर बहुत प्रभाव पड़ता है.’ ओमीक्रोन से संक्रमण के मामले सामने आने के बीच कई देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. 

बी.1.1.529 का पता लगने और उसकी संक्रामकता को लेकर चिंताओं के बीच WHO ने रविवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका और दुनियाभर के शोधकर्ता ओमीक्रोन के कई पहलुओं को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं और वे इन अनुसंधानों के परिणाम सामने आने के बाद उन्हें साझा करेंगे. 

दक्षिण अफ्रीका में संक्रमित बढ़ने की वजह का लगा रहे पता
डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ करार दिया है. संगठन ने कहा, ‘अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ओमीक्रोन डेल्टा स्वरूप की अपेक्षा अधिक संक्रामक है या नहीं.’ उसने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में इस स्वरूप से संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या बढ़ी है, लेकिन यह समझने के लिए महामारी विज्ञान संबंधी अध्ययन चल रहे हैं कि क्या यह ओमीक्रोन के कारण है या अन्य कारक इसके लिए जिम्मेदार हैं. 

संगठन ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़े बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इसका कारण ओमीक्रोन से संक्रमण के बजाए सभी स्वरूपों से संक्रमित लोगों की कुल संख्या में वृद्धि हो सकता है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्रोस अदहानोम ग्रेबेयेसस ने कहा कि ओमीक्रोन टीकाकारण को लेकर अन्याय के खतरे को प्रतिबंबित करता है. 

खतरनाक है टीकाकरण में देरी 
उन्होंने कहा, ‘‘हम टीकाकरण में समानता लाने में जितनी देरी करेंगे, हम कोविड-19 को उतना ही फैलने, उतने ही स्वरूप बदलने तथा और अधिक खतरनाक बनने की अनुमति देंगे.’’ उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है, ताकि ओमीक्रोन संक्रमण के प्रमुख पहलुओं और इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझा जा सके. 

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