AGRICULTURE NEW EXPERIMENT : भिवानी ने परंपरागत खेती के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती में आजमाए हाथ, हो रही लाखों की कमाई
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AGRICULTURE NEW EXPERIMENT : भिवानी ने परंपरागत खेती के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती में आजमाए हाथ, हो रही लाखों की कमाई

AGRICULTURE NEW EXPERIMENT : स्ट्रॉबेरी की उत्तम किस्म व पैदावार की बात करें तो देश में भिवानी को एक विशेष पहचान मिली है. यहां की स्ट्रॉबेरी का स्वाद भा रहा है.  

 

AGRICULTURE NEW EXPERIMENT : भिवानी ने परंपरागत खेती के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती में आजमाए हाथ,  हो रही लाखों की कमाई

नवीन शर्मा/भिवानी: AGRICULTURE NEW EXPERIMENT : हरियाणा में अब किसान परंपरागत खेती के साथ बागवानी में भी रुचि लेने लगे हैं. परिणाम स्वरूप यहां की स्ट्रॉबेरी का स्वाद हरियाणा के अलावा अन्य प्रदेशों के लोगों तक भी पहुंचने लगा है.स्ट्रॉबेरी की उत्तम किस्म व पैदावार के मामले में बात करें तो देश में भिवानी को एक पहचान मिली है. देशभर के लोगों को भिवानी की स्ट्रॉबेरी का स्वाद भा रहा है.  

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खेलों व राजनीति क्षेत्र में देशभर में अपनी खास पहचान बनाने वाले भिवानी जिले ने अब खेती में भी अपनी अलग पहचान बना ली है. भिवानी जिला स्ट्रॉबेरी का हब बन गया है. मिट्टी व पानी की तासीर के मद्देनजर यहां के किसानों ने परपंरागत खेती की बजाय बागवानी को अपनाना शुरू कर दिया है. 

भिवानी जिले के बापोड़ा किसान आज स्ट्रॉबेरी की फसल से लाखों रुपये कमा रहे हैं. ये लोग पहली बार स्ट्रॉबेरी की फसल लाए हैं, लेकिन वे खुश हैं, क्योंकि फसल अच्छी हुई है. उनकी फसल अब दिल्ली की ओर रवाना हो रही है. भिवानी के चनाना व बापोड़ा के किसानों का कहना है कि उनके भाई पिछले काफी साल से स्ट्रॉबेरी की खेती ले रहे हैं. हालांकि ये फसल ठंडी जगहों में होती है, लेकिन अब हरियाणा के किसान भी स्ट्रॉबेरी की खेती लेने लग गए हैं. 

गेंहू, धान के बाद अब स्ट्रॉबेरी की खेती 

हरियाणा के किसान गेंहू, धान की फसल लेते हैं, लेकिन अब किसान आगे बढ़ रहा है. भिवानी के किसान उन्नत खेती के दम पर अपना लोहा मनवा चुके हैं. भिवानी के किसानों ने अब स्ट्रॉबेरी की खेती करना शुरू कर दी है. इसके लिए किसान को जमीन तैयार करके बेड बनानी पड़ती है. ड्रिप सिस्टम से वे फसल को पानी लगाते हैं. 

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7 से 8 महीने में फसल होती है तैयार 

भिवानी के किसान स्ट्रॉबेरी का पौधा पुणे से लाए थे. इन्होंने पौधे को यहां बोया तो कुछ समय बाद ही इन पौधों पर फ्रूट आने लगे. यह पौध 7 से 8 महीने में फसल दे देती है. इसके साथ फसल के साथ हरी मिर्च भी लगाई सकती है. ताकि एक के साथ दूसरी फसल लगने से दोगुना मुनाफा मिल सके. 

किसानों को हो रहा बड़ा मुनाफा

भिवानी (Bhiwani) किसानों का कहना है कि स्ट्रॉबेरी की खेती में उन्होंने 6 से 7 लाख रुपये लगाए थे. फसल होने से बाद उन्हें 3 से 4 लाख रुपये का फायदा होगा. स्ट्रॉबेरी के साथ लगाई हरी मिर्च की फसल अलग से मुनाफा देगी. उन्होंने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए पानी और मिट्टी की टेस्टिंग होना जरूरी है.

 

 

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