Himachal Pradesh News: नेशनल हाइवे 707 का निर्माण कर रही कंपनी पर पर्यावरण नियमों के अवहेलना का आरोप लग रहा है. इन आरोपों के बीच एनजीटी की प्रिंसिपल ब्रांच ने निर्माणकर्ता कंपनियों और जिम्मेदार विभागों को फटकार लगाई है.
Trending Photos
ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के निर्माण में पर्यावरण नियमों की अनदेखी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रिंसिपल ब्रांच ने निर्माणकर्ता कंपनियों और जिम्मेदार विभागों को फटकार लगाई है. इसके साथ ही कुव्यवस्थाओं की भरपाई और पर्यावरण संरक्षण को सख्त निर्देश दिए हैं. यह बात एनजीटी मामले में याचिकाकर्ता नाथूराम चौहान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही है. उन्होंने कहा कि एनजीटी ने सड़क के साथ लगते लगभग 250 पानी के प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित करने के भी निर्देश दिए हैं.
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के निर्माण में पर्यावरण नियमों की हुई अनदेखी
गौरतलब है कि पांवटा साहिब से हाटकोटी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के निर्माण में भारी खामियां सामने आ रही हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में पर्यावरण नियमों की अनदेखी हुई है. सड़क निर्माण के कार्यों में पर्यावरण नियमों की अवहेलना के चलते समाजसेवी नाथूराम चौहान ने निर्माणकर्ता कंपनियों और जिम्मेदार विभागों के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में याचिका दर्ज की है.
ये भी पढ़ें- Himachal School: हिमाचल सरकार ने लिया बड़ा फैसला, प्रदेश के 99 स्कूल होंगे बंद!
निर्माण कार्य के दौरान काटे गए लाखों पेड़
याचिका के आधार पर एनजीटी द्वारा गठित कमेटी ने इस संदर्भ में कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी है. जॉइंट कमेटी की रिपोर्ट में शिकायत में उठाए गए बिंदुओं की पुष्टि हुई है. सड़क निर्माण कार्यों में लाखों पेड़ काटे गए हैं. पानी के लगभग 250 प्राकृतिक स्रोत नष्ट हो गए हैं. करोड़ों मेट्रिक टन मलवा सड़क के किनारे निजी भूमि और वन क्षेत्र में फेंक दिया गया है.
8 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता नाथूराम चौहान ने बताया कि बीते दिन हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने हाईवे का निर्माण कर रही कंपनियों को जंगलों में फेके गए मलबे को हटाने, मलबा और खुदाई से दबे 250 जल स्रोतों को साफ करने सहित पर्यावरण के नियमों की अनुपालना के निर्देश दिए हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.
WATCH LIVE TV