तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार भारत गणराज्य का सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान है. इसे पहले राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के रूप में जाना जाता था.1953 में सर एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले दो व्यक्तियों में से एक का नाम तेनजिंग नोर्गे था. इन्हीं के नाम पर पुरस्कार का नाम रखा गया है.
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राजेश खत्री/ सोनीपत : वर्ष 2020 के लिए दिए जाने वाले ‘तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार’ के लिए आवेदन आमंत्रित करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है. केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए अब 12 जुलाई, 2021 तक आवेदन लिए जाएंगे.
सुभाष स्टेडियम स्थित जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में अलग से काउंटर भी लगा दिया गया है ताकि नामांकन करने वाले किसी भी व्यक्ति को भी कोई परेशानी न हो.
पहले 5 जुलाई तक आवेदन लेने थे
उप जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी प्रदीप ने बताया कि कोरोना काल के चलते सोनीपत से तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार हेतु आवेदन प्राप्त न होने के चलते पहले 5 जुलाई तक आवेदन करने की तिथि सरकार ने निर्धारित की थी. अब इसे बढ़ाकर 12 जुलाई तक कर दिया गया है.
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सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान
तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार भारत गणराज्य का सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान है. इसे पहले राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के रूप में जाना जाता था.1953 में सर एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले दो व्यक्तियों में से एक का नाम तेनजिंग नोर्गे था. इन्हीं के नाम पर पुरस्कार का नाम रखा गया है.
कई एवरेस्ट मिशनों में हिस्सा लिया
तेन्जिंग का जन्म उत्तरी नेपाल में थेम नामक स्थान पर 1914 में एक शेरपा बौद्ध परिवार में हुआ था. 1933 में वे कुछ महीनों के लिए एक भिक्षु बनने के बाद नौकरी की तलाश में दार्जिलिंग आ गए थे. एक ब्रिटिश मिशन में शामिल होने के बाद उन्होंने कई एवरेस्ट मिशनों में हिस्सा लिया और अंततः 29 मई सन 1953 में सातवें प्रयास में उन्हें सफलता मिली