कश्मीर में मुसलमानों ने किया पंडित समुदाय का अंतिम संस्कार; एकता और भाईचारे की दी मिसाल
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कश्मीर में मुसलमानों ने किया पंडित समुदाय का अंतिम संस्कार; एकता और भाईचारे की दी मिसाल

Srinagar: कश्मीर के श्रीनगर में मुसलमानों ने पंडित समुदाय के नेता माखनलाल कूल का अंतिम संस्कार करने में मदद की है. जो कि आपसी एकता और भाईचारे की मिसाल है. 

कश्मीर में मुसलमानों ने किया पंडित समुदाय का अंतिम संस्कार;  एकता और भाईचारे की दी मिसाल

Srinagar: कश्मीर के श्रीनगर में मुसलमानों ने मिलकर वरिष्ठ व्यापारी नेता पंडित माखनलाल कूल का अंतिम संस्कार करने में मदद की है. जो वहां की आपसी एकता और भाईचारा का संकेत दे रहा है. नेता के अंतिम संस्कार में फैयाज भट्ट भी शामिल थे. जिन्होंने कहा है-  "ट्रेड फर्टिनिटी में माखनलाल हमारे गुरु थे, हमने एक दोस्त, मार्गदर्शक और इन सबसे बढ़कर वह एक महान ट्रेड लीडर भी थे, जिन्हें हमने खो दिया है." 

फैयाज भट्ट ट्रेड लीडरों में से थे और साथ ही साथ वह माखनलाल के पड़ोसी भी थे. उन्होंने कहा है- "हमें याद रखना चाहिए कि हम सब पहले एक इंसान है और हमें अपनी इंसानियत को बाकी सभी विचारों से ऊपर रखना चाहिए. ऐसा महसूस होता है जैसे हमने अपना कोई खो दिया है." फैयाज भट्ट ने सही कहा है भाईचारा के इस भावना को दुनिया भर के सभी समुदायों के लोगों द्वारा दोहराया जाना चाहिए, भले ही वह किसी भी धर्म या सांस्कृति के हो.
फयैज भट्ट ने यह भी कहा है- "ऐसी दुनिया जहां तेजी से लोगों में बदलाव आ रहे है और वह अलग हो रहे हैं. इस बीच इस तरह की घटना हमें एक उम्मीद देती है कि अभी भी ऐसे लोग हैं जो प्यार और भाईचारे की भावना में यकीन रखते हैं." गावं के स्थानीय मुस्लमानों ने मिलकर कश्मीरी पंडित माखनलाल कूल का अंतिम संस्कार करने में मदद की है, जो कि आपसी एकता और भाईचारे की मिसाल है. 

खबर के मुताबिक श्रीनगर के शंकरपोरा गुलशन नगर इलाके के मुस्लिम लोग, जिनकी ज्यादा आबादी हैं, अपने बीच रहने वाले पंडित समुदाय के एक सदस्य का अंतिम संस्कार करने में मदद के लिए आगे आए, जो हमारे माशरे में लोगों में चल रहे भेदभाव के बारे में बहुत कुछ बताता है.

यह देखकर खुशी होता है कि जम्मू कश्मीर जैसे इलाके में जहां कई दशको से सांप्रदायिक हिंसा और अलगाववाद के मूद्दे से जूझ रहा है, वहां पर अभी भी लोग आपसी मोहब्बत और भाईचारे में यकीन रखते हैं.  जिन मुसलमानों ने माखनलाल के जनाजे को कंधा दिया और अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी एकट्टा की है, उन्होंने एक मिशाल कायम किया है. यह घटना उन लोगों के लिए चेतावनी बननी चाहिए जो धर्म या समुदाय के नाम पर नफरत फैलाने का काम करते हैं. 

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