Madhya Pradesh News: एक तरफ जहां पूरे देश में ईद-ए-मिलाद का जश्न हैं तो वहीं, मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर में मुसमानों ने ईद-ए-मिलाद नहीं मनाने का फैसला किया है. उनका कहना है कि थाने पर पथराव मामले में सीबीआई से जांच कराई जाए.
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Madhya Pradesh News: पूरी दुनिया में प्रोफेट मोहम्मद स0. के यौम-ए-पैदाइश को धूमधाम से मनाया जाता है. भारत में भी आज ईद-ए-मिलाद की धूम है. कई जगहों पर जुलूस निकाले जा रहे हैं. प्रोफेट मोहम्मद की शान में नात पढ़ी जा रही हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर के मुसलमानों ने ईद-ए-मिलाद नहीं मनाने का फैसला किया है. उन्होंने यह फैसला 21 अगस्त को हुई घटना के मद्देनजर किया है. यहां 21 अगस्त को थाने पर पथराव हुआ था. इसके बाद यहां 46 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
मु्स्लिम समाज की मांग
मुस्लिम समाज का इंतेजामिया से कहना है कि जब तक बेगुनाहों को इंसाफ नहीं दिया जाता है, तब तक वह कोई भी त्योहार धूमधाम से नहीं मनाएंगे. एबीपी न्यूज ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि 6 मुल्जिमों के आपराधिक रेकॉर्ड को देखते हुए, उन्हें जिला बदर करने के लिए प्रस्तावित पेश किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इलाके के मुसलमानों ने इंतेजामिया से मांग की है कि मामले में 150 नामालूम लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन सभी नामों को सबके सामने लाया जाए. मामले की जांच सीबीआई करे. इसके अलावा मुंबई के रामगिरी महाराज की गिरफ्तारी की जाई.
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क्या है पूरा मामला?
ख्याल रहे कि महाराष्ट्र के नासिक में हिंदू महंत रामगिरी ने मुसलमानों और प्रोफेट मोहम्मद स0. के खिलाफ कथित तौर पर बयानबाजी की थी. इसके खिलाफ छतरपुर पुलिस स्टेशन में कुछ लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे. तभी थाने पर पथराव हो गया. पथराव में दो पुलिस वालों के जख्मी होने की खबर है. इस मामले में अहम मुल्जिम बनाए गए हाजी शहजाद अली की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चला दिया गया. इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे.