Eid-E-Milad: पूरे देश में जश्न-ए-मिलाद उन नबी मनाया जा रहा है. इससे एक दिन पहले देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों खास कर मुस्लिम भाइयों को मुबारकबाद दी है. इस दिन को प्रोफेट मोहम्मद स0. की यौम-ए-पैदाइश के तौर पर मनाया जाता है.
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Eid-E-Milad: सोमवार यानी आज देश भर में पैगंबर हजरत मुहम्मद स0. के जन्मदिन के मौके पर मिलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मिलाद-उन-नबी की पूर्व संध्या पर मुबारकबाद दी और अपना पैगाम जारी किया. राष्ट्रपति ने अपने पैगाम में कहा, "पैगंबर मुहम्मद स0. के यौम-ए-पैदाइश पर, जिसे मिलाद-उन-नबी के तौर पर मनाया जाता है, मैं सभी देशवासियों, खास तौर से हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को बहुत-बहुत मुबारकबाद देती हूं. पैगंबर मुहम्मद ने हमें प्रेम और भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया."
राष्ट्रपति का पैगाम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "पैगंबर मुहम्मद स0. ने समाज में समानता और सद्भाव की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने लोगों को दूसरों के प्रति दयालु होने और मानवता की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया. आइए, हम पवित्र कुरान की पवित्र शिक्षाओं को आत्मसात करें और एक शांतिपूर्ण समाज बनाने का संकल्प लें." उन्होंने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद की जिंदगी से हमें आपसी प्रेम और भाईचारे को मजबूत करने की प्रेरणा मिलती है.
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12 रबी अल-अव्वल
गौरतलब है कि ईद मिलाद-उन-नबी इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी अल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है. यह एक खास इस्लामिक त्योहार है. इस्लाम धर्म में ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार पैगंबर हजरत मुहम्मद स0. के यौम-पैदाइश के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन इस्लाम के अनुयाई मस्जिदों में जाकर नमाज अदा करते हैं. पैगंबर मुहम्मद साहब की तरफ से दी गई शिक्षाओं को याद करते हैं. पैगंबर हजरत मोहम्मद को इस्लाम का आखिरी पैगंबर माना जाता है.
त्योहार में क्या होता है?
ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार इस्लाम मानने वाले व्यक्तियों को समाज सेवा के लिए प्रेरणा देता है. इस दिन जरूरतमंदों व गरीबों की मदद करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है. इस दिन मस्जिदों की सफाई की जाती है और उन्हें सजाया जाता है. लोग प्रोफेट मोहम्मद स0. की तारीफ में नात पढ़ते हैं.