UP, MP, और UK के बाद अब बिहार के मदरसों पर सरकार की टेढ़ी नज़र; किताब पर सवाल ?
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UP, MP, और UK के बाद अब बिहार के मदरसों पर सरकार की टेढ़ी नज़र; किताब पर सवाल ?

Bihar Madarsa News: मध्य प्रदेश , यूपी के बाद सरकार की अब बिहार के मदरसों पर टेढ़ी नज़र शुरू हो गई है. एनसीपीसीआर ने सरकारी फंडिंग से चलने वाली मदरसों के सिलेबस पर आपत्ति जताते हुए कई आरोप लगाएं हैं. NCPCR के इन आरोपों में कितनी सच्चाई है. इन स्टोरी के जरिए जानिए.  

 

UP, MP, और UK के बाद अब बिहार के मदरसों पर सरकार की टेढ़ी नज़र; किताब पर सवाल ?

Bihar News: मध्य प्रदेश में हिन्दू बच्चों के मदरसों में नहीं पढ़ाने के आदेश के बाद अब बिहार के मदरसों के सिलेबस पर भी सावल उठने लगे हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( NCPRC ) ने यहां के सरकारी मदरसों में पढ़ाई जाने वाली कई किताबों पर आपत्ति जताई है. NCPCR ने तालीमुल इस्लाम समेत कई किताबों का जिक्र करते हुए बताया है कि इन किताबों में कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि यह किताबें पाकिस्तान में छपी है.

कई मदरसों ने आरोप को किया खारिज 
हालांकि, NCPCR के इस को बिहार में कई मदरसों ने सिरे से खारिज कर दिया है. सरकारी फंडिंग से चलने वाले कई मदरसों के प्रिंसिपल ने कहा कि यहां इस तरह की कोई किताब नहीं पढ़ाई जाती है. बिहार के बगहा ब्लॉक में स्थित मदरसा इस्लामिया खानकाह हजरत मस्तान शाह के कई शिक्षकों ने बताया कि यहां न तो ऐसी कोई किताब पहले पढ़ाई जाती थीं और ना हीं सरकार द्वारा निर्धारित सिलेबस के किसी किताब में ऐसी कोई शिक्षा दी जाती है जिसमें गैर इस्लामिक को काफिर कहा गया हो.

इस्लाम और मदरसे को बदनाम करने की साजिश
वहीं, मदरसों में कितने हिन्दू बच्च पढ़ते हैं? इस सावल पर एक सहायक शिक्षक ने हाफ़िज़ कलीमुल्लाह ने कहा कि शिक्षा हमारा मौलिक अधिकार है, लेकिल फिलहाल इस मदरस में कोई भी हिन्दू स्टूडेंट नहीं है. ये सारी बातें  इस्लाम के साथ-साथ मदरसों को बदनाम करने की साज़िश की गई है ताकि समाज में नफरत फैले और सामाजिक सौहार्द बिगड़े.

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NCPCR ने लगाए ये आरोप
दरअसल,  NCPCR की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने एक पोस्ट में कहा, "बिहार राज्य में सरकारी फ़ंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम व ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं,इस किताब में ग़ैर इस्लामिकों को काफ़िर बताया गया है. इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी दाख़िला दिए जाने की सूचना मिली है परंतु बिहार सरकार संख्या अनुपात की अधिकारिक जानकारी नहीं दे रही है. हिंदू बच्चों को मदरसों से स्कूल में स्थान्तरित करने के सवाल पर बिहार मदरसा बोर्ड ने बताया कि मदरसे का पाठ्यक्रम यूनिसेफ ने तैयार किया है."

मप्र सरकार का क्या है आदेश?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सराकर ने 17 अगस्त को एक आदेश जारी कर कहा था कि अगर मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चे पढ़ते हुए पाए गए तो मदरसों की न सिर्फ आर्थिक सहायता बंद कर दी जाएगी, बल्कि मान्यता भी कैंसिल की जाएगी. इसके लिए राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-28 (3) का हवाला दिया था.

 

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