Palestine Ceasefire: इजराइल और फिलिस्तीन युद्ध में 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं, वहीं 11 हजार से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं. अब फिलिस्तीन ने भारत सरकार से मदद मांगी है.
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Palestine Ceasefire: फिलिस्तीन में लगातार लोग मर रहे हैं. इजराइली सेना गाजा में घुस चुकी है और 11 हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं. इस सब के बीच फिलिस्तीनी एंबेसडर अदनान अबु अलहाइजा का बयान आया है. उन्होंने बुधवार को फिलिस्तीन के लोगों को लेकर फिक्र का इजहार किया है और कहा है कि भारत को इस मामले में दखल देना चाहिए और इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में सीज फायर की बात करनी चाहिए.
ज्ञात हो कि 7 अक्टूबर से जंग जारी है और अभी तक 10 लाख से ज्यादा लोग बेहघर हो चुके है और कैंपों में रह रहे हैं. एक मीडिया संस्थान से बातचीत के दौरान अदनान अबु अलहाइजा ने कहा है कि "मैंने भारत सरकार को कई बार फोन किया है. मैं भारत से फिर आग्रह करता हूं कि वह इजरायल और हमास के बीच तत्काल युद्धविराम कराने में बड़ी भूमिका निभाए."
उन्होंने आगे कहा,"भारत को इज़राइल और हमास के बीच मध्यस्थ के तौर पर काम करना चाहिए और तत्काल युद्धविराम का आह्वान करना चाहिए और मानवीय सहायता के लिए सीमाएं खोलने के लिए दबाव डालना चाहिए. कल्पना करें भारत जैसे देश की जिसमें 40 दिनों तक ईंधन न हो, किसी भी देश की कल्पना करें जिसमें 40 दिनों तक खाना न हो. हमने ऐसा नहीं देखा है, यहां तक कि कोविड के दौरान भी नहीं. गाजा जैसे छोटे से इलाके में इस तरह के नरसंहार से हमें लोगों को बीमारियां होने का डर है क्योंकि हर जगह लाशें पड़ी हुई हैं." अदनान ने बताया कि कतर और मिस्र गाजा के लोगों की सेफ्टी और सीज फायर को लेकर मध्यस्ता कर रहे हैं.
अदनान ने कहा, "मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक समाधान खोजने का आह्वान करता हूं. हम गाजा में शांति और दोनों राज्यों और मुक्त फिलिस्तीन पर संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएन) के प्रस्ताव को अपनाने का आह्वान करते हैं." बता दें इससे पहल फिलिस्तीनी राजदूत कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआई समेत कई पार्टियों के लीडरान से मिले थे.
उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इज़राइल राज्य पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों और पहचान का सम्मान करने के लिए दबाव डालना चाहिए. हम इलाके में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए गहन राजनयिक प्रयासों और बहुपक्षीय पहल का आह्वान करते हैं."