इस देश में गृहयुद्ध के कारण इंसान ही नहीं, शेरों की भी हो गई कुत्तों से बदतर हालत; तस्वीर देख आ जायएगा तरस!
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इस देश में गृहयुद्ध के कारण इंसान ही नहीं, शेरों की भी हो गई कुत्तों से बदतर हालत; तस्वीर देख आ जायएगा तरस!

Sudan की सेना और देश के मुख्य अर्धसैनिक बल के बीच चल रही लड़ाई में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों लोगों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा है. इंसानों के साथ-साथ सुडान के जंगली जानवर भी इस लड़ाई की चपेट में आ रहे हैं. 

इस देश में गृहयुद्ध के कारण इंसान ही नहीं, शेरों की भी हो गई कुत्तों से बदतर हालत; तस्वीर देख आ जायएगा तरस!

Sudan Conflict: सूडान में गृहयुद्ध की शुरुआत अप्रेल 2023 में हुई थी. कई महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक इस लड़ाई का अंत नहीं हो पाया है. इंसानी जान के साथ-साथ इस जंग में जानवरों की जान के लिए भी खतरा बढ़ता जा रहा है. जंग की वजह से कई जंगली जानवर सूडान के चिड़ियाघर में भूख और बिमारी से अपनी जान गवा चुके हैं, एनिमल रेस्क्यू ऑर्गेनाइजेशन फोर पॉज़ (Four Paws) ने 19 और 20 नवंबर को सूडान की राजधानी खर्तूम के दक्षिण क्षेत्र में फंसे करीब 46 जंगली जानवरों को बचाया है. 

जंग के बीच जानवरों को बचाने के लिए चलाया अभियान 
गीज़िरा राज्य के वाड मदनी में सूडानी वाइल्ड लाइफ के साथ मिलकर फोर पॉज़ के विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बचाव अभियान चलाया. जिसमें राजधानी खार्तूम के दक्षिण में अल बागेर के सूडान चिड़ियाघर से शेर, लकड़बग्घे, जंगली बिल्लियाँ, पक्षियों और हिरण सहित करीब 46 जानवरों को निकाल उन्हें सुरक्षित जगह भेजा है. इस बचाव अभियान के बारे में रेडियों 'तमाज़ुज' से बात करते हुए अभियान का नेतृत्व करने वाले फोर पॉज़ के डॉ. अमीर खलील ने बताया कि ये मिशन बेहद जोखिम भरा और मुश्किल था फिर भी हमने स्थानीय अधिकारों की मदद से 46 जानवरों को बाहर निकाल लिया है. 

बीमारी और भूख से मर रहे जानवर 
लड़ाई के भीषण हो जाने की वजह से सुडान के चिड़ियाघरों की देख रेख करने वाले अधिकारी अपने काम को ठीक से नहीं कर पा रहे खाने की समाग्री और दवाई भी चिड़ियाघरों तक नहीं पहुंच पा रही है. इलाज और खाना ना मिलने की वजह से कई जानवरों की मौत हो गई है. डॉ. अमीर खलील ने बताया कि "दुख की बात है कि पिछले दो हफ्तों में बीमारी और भूख की वजह से आठ शेरों की मौत हो गई. जिन जानवरों को बचाया गया है वे भी बेहद कमज़ोर हो गए है."

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